IRCTC ने दिया यात्रियों को शानदार तोहफा,
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    नागपुर. नागपुर रेलवे स्टेशन की समस्याओं के समाधान को लेकर अधिकारियों की उपेक्षापूर्ण नीति से न केवल आम लोग बल्कि यात्री संगठनों से जुड़े लोग भी हैरान, परेशान हैं. सेंट्रल रेलवे के जेडआरयूसीसी मेंबर सतीश यादव ने रविवार को सांसद कृपाल तुमाने को एक ज्ञापन सौंपकर समस्याओं के समाधान की मांग की. उनका कहना है कि नागपुर स्टेशन ‘ए’ ग्रेड का है, जहां प्रतिदिन 50 हजार से ज्यादा यात्री आते-जाते हैं. इसके बावजूद यहां पर यात्रियों की सुविधाओं का ख्याल नहीं रखा जा रहा है.

    ज्ञापन के मुताबिक नागपुर-बिलासपुर इंटरसिटी एक्सप्रेस पहले नागपुर से चलती थी, जिसे अभी इतवारी स्टेशन से चलाया जा रहा है. अब इस ट्रेन को फिर से नागपुर से ही चलाया जाये, क्योंकि उसमें सबसे ज्यादा मजदूर वर्ग के लोग सफर करते हैं. एमआइडीसी हिंगना और बूटीबोरी के श्रमिकों को ट्रेन पकड़ने के लिए इतवारी आना पड़ता है जिसके लिए करीब 400 रुपये ऑटो भाड़ा खर्च होता है. जबकि नागपुर से बिलासपुर का किराया 145 रुपये है.

    इसी प्रकार नागपुर-अमरावती इंटरसिटी एक्सप्रेस, नागपुर-आमला पैसेंजर ट्रेन काफी समय से बंद है. इसके चलते दैनिक यात्रियों, ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों और रोजी रोटी की तलाश में सिटी आने वाले लोगों को भारी परेशानी हो रही है. साथ ही उनपर आर्थिक बोझ भी पड़ रहा है.

    यादव ने बताया है कि आरक्षण काउंटर पर यात्रियों से गंतव्य स्थान का पूरा पता और पिन कोड मांगा जा रहा है. कोरोना काल में लागू किए गये इस नियम का अब कोई औचित्य नहीं है. इसलिए इसे हटाया जाना चाहिए. उत्तर भारतीय यात्रियों की संख्या को देखते हुए बनारस की ओर जाने वाली ट्रेनों की संख्या को बढ़ाना चाहिए.

    प्लेटफॉर्म नंबर 8 को अन्य प्लेटफॉर्म से जोड़ने की योजना को तत्काल शुरू किया जाना चाहिए. इसके अलावा नागपुर मध्य भारत का महत्वपूर्ण स्टेशन है जिसे जोन बनाना चाहिए. सिटी के लोग यह मांग पिछले 50 साल से कर रहे हैं, जिसे जल्द से जल्द पूरा किया जाना चाहिए.