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प्रतीकात्मक फोटो

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नागपुर. दक्षिण-पूर्व-मध्य रेलवे (एसईसीआर) के चिकित्सा विभाग में कार्यरत एक कर्मचारी को दोबारा उसी विभाग में नियुक्ति देने की एवज में 10,000 रुपये की रिश्वत लेते कार्यालय अधीक्षक को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की टीम ने रंगेहाथ दबोचा. इस कार्रवाई से रेल विभाग में हड़कंप मच गया. पकड़ा गया आरोपी मोरेश्वर अथमांडे बताया गया. मोरेश्वर एसईसीआर के पर्सनल विभाग में कार्यालय अधीक्षक पद पर कार्यरत है.

एसईसीआर के चिकित्सा विभाग में मलेरिया खलासी पद पर कार्यरत विशाल उइके की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया. सीबीआई अधिकारी के अनुसार चिकित्सा विभाग में मलेरिया खलासी का एक पद बताया गया था. सरकार ने इस विभाग को बंद करने के निर्देश दिए थे. इसीलिए विशाल की नियुक्ति किसी अन्य विभाग में की गई थी. 9 फरवरी को विशाल ने मोरेश्वर से मुलाकात की. चिकित्सा विभाग में ही नियुक्ति देने की विनती की. मोरेश्वर ने दोबारा नियुक्ति देने के लिए 15,000 रुपये की रिश्वत मांगी. साथ ही चेतावनी दी कि पैसे नहीं दिए तो उनकी किसी दूसरी जगह भी नियुक्ति नहीं होगी.

विशाल ने प्रकरण की शिकायत सीबीआई कार्यालय में की. सीबीआई की टीम ने सोमवार को रिश्वत की मांग का वेरिफिकेशन किया. प्राथमिक जांच में शिकायत सही पाई गई. निवेदन करने पर मोरेश्वर 10,000 रुपये लेने के लिए मान गया. एसईसीआर के पार्किंग एरिया में पंच के समक्ष सीबीआई टीम ने मोरेश्वर को रिश्वत लेते गिरफ्तार किया. उसके खिलाफ भ्रष्टाचार प्रतिबंधक कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है. इसके साथ ही सीबीआई टीम ने मोरेश्वर के घर और कार्यालय की तलाशी भी शुरू कर दी है.