नागपुर. सिटी का सौंदर्यीकरण बड़े-बड़े विकास कार्यों के तले दब गया है. किसी का ध्यान ही नहीं है. कई चौराहे ध्वस्त हो गए हैं. डिवाइडरों के बीच और गोवारी ओवरब्रिज के नीचे किया गया सौंदर्यीकरण व पौधारोपण तहस-नहस हो चुका है. अजनी चौक पर बनाया गया क्लॉक टॉवर भी उपेक्षा का शिकार हो गया है. पिछले करीब दो वर्ष से अधिक समय से यह क्लॉक बंद है लेकिन मनपा के अधिकारियों और पदाधिकारियों को इसे दुरुस्त कर शुरू करने में कोई रुचि नहीं है.
अमरावती रोड में स्थित यह टॉवर एक समय में लोगों के आकर्षक का केन्द्र था लेकिन अब कबाड़ हो रहा है. शहर की जनता से टैक्स के रूप में वसूले गए लाखों रुपये खर्च कर इस तरह बर्बाद करने का यह एक और उदाहरण है.
14 वर्ष पूर्व बनकर हुआ था तैयार
तात्कालीन मनपा आयुक्त मनुकुमार श्रीवास्तव के समय सिटी में इस क्लॉक टॉवर की संकल्पना की गई थी. वर्ष 2001 में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए 50 लाख रुपये की लागत से 21 मीटर ऊंचा यह टॉवर बनाने का निर्णय हुआ था. वर्ष 2003 में यह बनकर पूरा हुआ और फिर उद्घाटन के लिए कई महीने लटकाया गया था. यह टॉवर हर घंटे अपनी खास ध्वनि से लोगों का ध्यान आकर्षित किया करता था लेकिन अब यह बंद पड़ा हुआ है.
सौंदर्यीकरण की लग गई वाट
टॉवर के नीचे ही बेहद खूबसूरत सजावट की गई थी. फव्वारा व रंगबिरंगी लाइटिंग के साथ ही लोगों के बैठने के लिए भी कुछ व्यवस्था थी. पूरे इलाके से शहरवासी शाम के वक्त यहां घूमने आते थे और फव्वारे से उड़ने वाले पानी का आनंद लिया करते थे. यहां की रंगबिरंगी लाइटिंग भी देखते ही बनती थी. अब यहां ध्वस्त पौधे, कचरा और नीचे जमा गंदा पानी ही नजर आता है. लगता है मनपा ने केवल सीमेन्ट रोड निर्माण के अलावा सारा कुछ ठंडे बस्ते में डाल रखा है.
एक ओर सिटी में विविध तरह के विकास कार्यों पर मोटी रकम खर्च की जा रही है. वहीं दूसरी ओर सौंदर्यीकरण पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. प्रभाग के पार्षदों से लेकर क्षेत्र के विधायक तक का ध्यान नहीं है. यही वजह है कि लाखों-करोड़ों खर्च तैयार किये गये प्रकल्प धूल खा रहे है.