नागपुर. मनपा की ओर से अप्रैल माह से नदियों और नालों की सफाई शुरू कर दी गई. वर्तमान में काफी हद तक नदी और नालों की सफाई होने का दावा भी मनपा प्रशासन की ओर से किया जा रहा है लेकिन इस अभियान की पोल खोलते हुए सफाई का केवल दिखावा होने का आरोप राजीव गांधी पंचायत राज संगठन के राष्ट्रीय समन्वयक अधि. अक्षय समर्थ ने लगाया.
मनपा आयुक्त राधाकृष्णन.बी और घनकचरा व्यवस्थापन के उपायुक्त डॉ. गजेन्द्र महल्ले को पत्र सौंपकर इसकी जांच करने की मांग की. चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि जिस ठेकेदार को जेसीबी से कचरा निकालने का काम सौंपा गया है, उसमें पूरी तरह से लापरवाही हो रही है. सफाई करते समय उसे कुछ सुझाव देने पर सुनने के लिए तैयार नहीं है. सफाई में ठेकेदार की मनमानी चल रही है.
नदी-नाले में ही पड़ा है कचरा
समर्थ ने कहा कि वास्तविक रूप में नदी या नालों से कचरा निकालने के बाद उसे किनारे पर रखने तथा बाद में वाहनों से कचरा किसी अन्य स्थान पर ले जाया जाना चाहिए. किंतु वर्तमान में जेसीबी से कचरा तो जमा किया जा रहा है लेकिन उसे नदी और नालों के भीतरी किनारों पर रखा जा रहा है. ऐसे में एक ही भारी बारिश में किनारे का वह कचरा पुन: नदी और नालों में चला जाएगा.
इस तरह से पुन: नदी और नालों में कचरा जाने पर बारिश के पानी की निकासी नहीं होगी. पानी का बहाव अवरुद्ध हो जाएगा. जिससे नदी और नालों के किनारों की बस्तियों को खतरा हो सकता है. इस तरह की कार्यप्रणाली गत समय में भी हुई थी. जिस पर प्रशासन का ध्यानाकर्षित किया गया था. किंतु समय पर सतर्कता नहीं बरती जाने से कई बस्तियों में बारिश का पानी घूस गया था.
सभी नदी और नालों का करें सर्वे
उन्होंने कहा कि कुछ नालों की मनपा के कर्मचारियों के माध्यम से तो कुछ नालों की सफाई जेसीबी से कराई जा रही है. मनपा के कर्मचारियों की ओर से भी नाले का कचरा बाहर नहीं निकाला जा रहा है. इसी तरह जेसीबी भी केवल पानी का बहाव बनाने के लिए बीच का कचरा किनारे पर कर रहा है. ऐसे में सफाई अभियान पर लगाया जा रहा पैसा बर्बाद होता दिखाई दे रहा है. अब तक शहर के जिन नालों की सफाई की गई, उसका सर्वे किया जाना चाहिए. जिन नालों में कचरा किनारों पर ही छोड़ा गया, उसे तुरंत हटाने की प्रक्रिया पूरी होनी चाहिए. जिन्होंने इस कार्य में कोताही बरती, उनके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग भी उन्होंने की.