नागपुर. मानेवाड़ा स्थित लेआउट की खुली जगह पर हुए अतिक्रमण को लेकर चिंचमलातपुरे नगर नागरिक कृति समिति ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. इस पर हाई कोर्ट ने 10 फरवरी 2021 को आदेश जारी किए जिसका पालन नहीं किए जाने के कारण अब समिति ने अवमानना याचिका दायर की है. इस पर शुक्रवार को सुनवाई के बाद न्यायाधीश सुनील शुक्रे और न्यायाधीश जीए सानप ने मनपा आयुक्त राधाकृष्णन बी., प्रन्यास सभापति मनोजकुमार सूर्यवंशी और अतिक्रमणकारी प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर 3 सप्ताह में जवाब दायर करने के आदेश दिए. याचिकाकर्ता की ओर से अधि. उज्ज्वल फसाटे ने पैरवी की.
ओपन स्पेस का रखरखाव करने में विफल
समिति की ओर से पैरवी कर रहे अधि. फसाटे ने कहा कि मानेवाड़ा में लेआउट तैयार किया गया जिसके लिए लेआउट प्लान मंजूर कराया गया. मंजूर प्लान के अनुसार पूरे लेआउट में सार्वजनिक उपयोग के लिए 4 खुली जगह चिन्हांकित की गईं लेकिन प्रतिवादी इन खुली जगहों का रखरखाव करने में विफल रहे जिसका हश्र यह हुआ कि इन चारों ओपन स्पेस पर अतिक्रमण कर लिया गया. प्रन्यास की ओर से पैरवी कर रहे अधि. कुंटे का मानना था कि लेआउट प्लान को दी गई अंतिम मंजूरी के अनुसार 4 ओपन स्पेस दर्शाए गए हैं. चारों चिन्हांकित जगह खुली ही दिखाई जा रही थी. हालांकि बाद में इस जमीन पर अतिक्रमण कर बनाए गए आवासों को नियमित करने का आवेदन दिया गया था जिसे ठुकरा दिया गया.
….तो अतिक्रमण हटाना प्लानिंग अथॉरिटी की जिम्मेदारी
अधि. फसाटे ने कहा कि गुंठेवारी कानून के अनुसार यदि नियमितीकरण की अर्जी ठुकराई जाती है तो ऐसी जमीन से अतिक्रमण हटाने की जिम्मेदारी प्लानिंग अथॉरिटी की है. प्रतिवादियों की ओर से बताया गया कि याचिकाकर्ता भले ही इसे अतिक्रमण करार दे रहे हों लेकिन यह अतिक्रमण नहीं है. यहां तक कि नियमितीकरण के ठुकराए गए आवेदन को चुनौती दी गई है.
दोनों पक्षों की दलीलों के बाद अदालत ने आदेश में स्पष्ट किया कि प्रन्यास ने लेआउट प्लान को अंतिम मंजूरी दी. जब तक लेआउट प्लान में कोई परिवर्तन नहीं होता है तब तक प्लानिंग अथॉरिटी ने इन खुली जगहों को बनाए रखना था. अदालत ने लेआउट प्लान में दर्शाई गई खुली जगहों को यथावत खुली रखने के लिए 6 सप्ताह के भीतर उचित कदम उठाने के आदेश मनपा को दिए थे. लेकिन इन आदेशों का पालन नहीं होने पर अब अवमानना याचिका दायर की गई.