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  • अयोग्यता की सुनवाई में शिंदे गुट से जिरह शुरू

नवभारत न्यूज़ नेटवर्क
नागपुर: शिवसेना विधायकों की अयोग्यता को लेकर नागपुर में गुरुवार को सुनवाई हुई। यह सुनवाई तब हो रही है जब विधानमंडल का शीतकालीन सत्र चल रहा है। शिवसेना शिंदे गुट के विधायक दिलीप लांडे से उद्धव ठाकरे गुट के वकील देवदत्त कामत ने जिरह शुरू की। विधायक लांडे के एक जवाब पर विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने एक बड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि आपके जवाब का अनुवाद करते समय मेरा सिर चकरा रहा है। शिंदे गुट के नेताओं से 11 दिसंबर तक जिरह जारी रहेगी। 

2005 में क्यों नहीं छोड़ी पार्टी
ठाकरे गुट के वकील कामत ने शिंदे गुट के विधायक दिलीप लांडे सवाल किया कि से हलफनामे के पैराग्राफ 11 में आपने कहा है कि ऐसा कोई कदम नहीं उठाया है जिससे आपको पार्टी की सदस्यता छोड़नी पड़े। आप शिवसेना प्रमुख  बाला साहेब ठाकरे के विचारों का पालन कर रहे हैं। मैंने पार्टी के खिलाफ काम नहीं किया। लेकिन अगर आप पार्टी की विचारधारा के अनुसार काम कर रहे हैं, तो 2005 में शिवसेना प्रमुख  बाल ठाकरे के जीवित रहते हुए पार्टी क्यों छोड़ी और मनसे से चुनाव क्यों लड़ा। क्या यह शिवसेना प्रमुख के विचारों के खिलाफ नहीं था। इसके जवाब में लांडे ने कहा कि मैंने आपके सामने वर्तमान तथ्यों पर गवाही दी है। मैंने अपने जवाब में पिछले वाक्यों का जिक्र नहीं किया है। अब मैं बालासाहेब ठाकरे के विचारों और शिक्षाओं को आगे बढ़ाना चाहता हूं। 

अजित पवार गुट के साथ सरकार बनाना सही
ठाकरे गुट के वकील कामत ने  दिलीप लांडे से पूछा कि क्या शिवसेना राजनीतिक दल के लिए अजित पवार की राकां के साथ सरकार बनाना सही है? उस पर विधायक ने कहा कि मराठी लोगों के न्याय और भारत देश में हिंदुत्व की रक्षा के लिए यह फैसला लिया गया है। विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने लांडे से कहा कि आप यह बताएं कि शिवसेना और राकां का सरकार में होना ठीक है। उन्होंने कहा कि आप अपना उत्तर साफ़ – साफ दे नहीं तो उसका मराठी से अंग्रेजी में अनुवाद करने में लग जाऊंगा। विधानसभा अध्यक्ष की इस टिप्पणी से हॉल में हंसी गूंज उठी। 

ठाकरे गुट हाई कोर्ट जाएगा
विधान परिषद अयोग्यता मामले में ठाकरे गुट ने हाई कोर्ट में जाने का फैसला किया है। इस गुट का कहना है कि हमारी पार्टी छोड़ कर जाने वाले विप्लव बाजोरिया और मनीषा कायेंदे के खिलाफ अब तक  कोई कार्रवाई नहीं की गई है। उद्धव गुट का कहना है कि इन दोनों सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर उप  सभापति को पत्र दिया गया है, लेकिन अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है। ऐसे में अब वे हाईकोर्ट का रुख करेंगे।