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EVM मशीन (फ़ाइल फोटो )

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नागपुर. ईवीएम के खिलाफ न केवल राजधानी दिल्ली बल्कि लंबे समय से सिटी में भी आंदोलन किया जा रहा है. इंडिया अगेंस्ट ईवीएम के बैनर तले चल रहे आंदोलन के बीच ही केंद्रीय चुनाव आयोग ने चुनावों की घोषणा कर दी. अप्रत्यक्ष रूप से बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग को आयोग ने ठुकरा दिया है. इसी तरह से सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम के खिलाफ दायर याचिका खारिज कर दी है. अब कोई विकल्प नहीं होने के कारण नागपुर और रामटेक लोकसभा क्षेत्र के चुनाव में 400 से अधिक प्रत्याशी मैदान में उतारकर बैलेट से चुनाव कराने पर आयोग को मजबूर करने की जानकारी संगठन की राष्ट्रीय समन्वयक अधि. स्मिता कांबले ने पत्र- परिषद में दी. उन्होंने कहा कि देशभर में इसी तरह के विकल्प पर विचार किया जा रहा है. कांग्रेस विधायक सुनील केदार ने भी बैलेट से चुनाव कराने की मांग कर इंडिया अगेंस्ट ईवीएम की इस पहल का समर्थन किया है. 

सभी दरवाजे बंद, फिर भी दिखाएंगे दम

संगठन के प्रवक्ता विश्वास पाटिल ने कहा कि ईवीएम के खिलाफ देशभर में बड़े पैमाने पर आंदोलन हो रहे हैं.  विरोधी इस आंदोलन को दबाने का हरसंभव प्रयास कर रहे हैं लेकिन आंदोलन की आक्रामकता कम नहीं हुई. बैलेट पेपर से चुनाव के लिए पूरे प्रयास किए जा रहे हैं. विभिन्न संगठनों का भी साथ मिल रहा है. न्यायालय का दरवाजा खटखटाया गया लेकिन न्यायपालिका से न्याय नहीं मिला है. फिर भी हिम्मत नहीं हारी है. इसका विकल्प ढूंढा गया. ईवीएम से चुनाव होने पर मतदान का कोटा 20 प्रतिशत से बढ़ाकर ईवीएम द्वारा होने वाली चोरी का प्रमाण कम करने व्यापाक जनजागृति की जा रही है. पत्र-परिषद में अधि. आकाश मून, प्रीतम बुलकुंदे, अमन कांबले आदि उपस्थित थे.

आयोग के पास नहीं रहेगा विकल्प

उन्होंने कहा कि हर ईवीएम का एक कंट्रोल यूनिट होता है. इस लोकसभा चुनाव के लिए चुनाव आयोग ने एम-3 ईवीएम मशीन लाई है. ये मशीनें आसानी से हैक हो सकती हैं. इस मशीन के साथ अधिकतम 24 बैलेट यूनिट जोड़े जा सकते हैं. एक बैलेट पर 16 प्रत्याशियों के नाम रह सकते हैं जिसके अनुसार 24 बैलेट पर 384 प्रत्याशियों के नाम हो सकेंगे. यदि प्रत्याशियों की संख्या 384 से अधिक हुई तो चुनाव आयोग को मजबूरन बैलेट से चुनाव कराने पड़ेंगे. यही इंडिया अगेंस्ट ईवीएम का प्रयास है. 

शुक्रवार को ‘ईवीएम हैक’ की मॉक ड्रिल

बुलकुंदे ने कहा कि चुनाव आयोग की ओर से ईवीएम हैक नहीं होने का दावा किया जाता है लेकिन ईवीएम की पूरी जानकारी नहीं दी जाती, इसीलिए आयोग से मशीन में उपयोग होने वाली तकनीकी जानकारी मांगी गई थी किंतु आयोग ने यह जानकारी नहीं दी. ईवीएम आसानी से हैक हो सकती है, इसके प्रयोग देशभर में चल रहे हैं. सिटी की जनता को भी ईवीएम में धांधली कैसे होती है? इसकी मॉक ड्रिल दिखाई जाएगी. शुक्रवार को मॉक ड्रिल की जाएगी. जल्द ही समय और स्थल की घोषणा की जाएगी.