GST रिफंड से किया इनकार, हाई कोर्ट ने CGST कमिश्नर को जारी किया नोटिस

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नागपुर. सेंट्रल गुड्स एंड सर्विस टैक्स कानून 2017 की धारा 54 के अनुसार जीएसटी रिफंड के लिए अर्जी दायर की गई किंतु इसे ठुकराए जाने को चुनौती देते हुए इंडिगो डेनिम कम्पनी ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की. याचिका पर सुनवाई के बाद न्यायाधीश एएस चांदूरकर और न्यायाधीश वृषाली जोशी ने सेंट्रल जीएसटी कमिश्नर को नोटिस जारी कर जवाब दायर करने के आदेश दिए. याचिकाकर्ता की अधि. नितिन लालवानी ने पैरवी की. याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि 23 सितंबर 2019 को असि. कमिश्नर ने अर्जी ठुकराई. इसके बाद जनवरी 2020 और 5 मार्च 2020 को पुन: निधि वापस पाने के लिए अर्जी की गई. 

नई अर्जी का औचित्य नहीं 

याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि रिफंड की पहली अर्जी ठुकराई जाने के कारण नई अर्जी करने का कोई औचित्य नहीं होने का कारण देते हुए असि. कमिश्नर ने नई अर्जी भी खारिज कर दी. इसकी सूचना 11 मार्च 2020 को दी गई. सीजीएसटी एक्ट की धारा 107 के तहत इसके खिलाफ 16 मार्च 2020 को अपील दायर की गई लेकिन अपील के लिए निर्धारित समय के अधिक का वक्त बीतने का कारण देते हुए इस अपील को भी सुनने से इनकार कर दिया गया. याचिकाकर्ता ने बताया कि अपील दायर करने के लिए 3 माह का समय निर्धारित है. इसके अलावा 1 माह का अतिरिक्त समय भी होता है. किंतु इन दोनों समयावधि का काल बीतने के कारण अपील पर सुनवाई नहीं की गई. 

सुको दे चुका है ऐसे मामलों पर फैसला

सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि इसी तरह के एमपी स्टील विरुद्ध कमिश्नर ऑफ सेंट्रल एक्साइज के मामले में लिमिटेशन एक्ट की धारा 14 के तहत सुको ने फैसला दिया है. इसके आधार पर चूंकि याचिकाकर्ता लगातार अर्जियां करता रहा है. अत: उसे रिफंड के लिए अर्जी दायर करने का अधिकार प्रदान किया जा सकता है. दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने उक्त आदेश जारी किया.