MLA Krishna Khopde

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    नागपुर. गुंठेवारी कानून अंतर्गत नियमितीकरण की समयावधि 2020 तक बढ़ाने के साथ ही राज्य सरकार ने नियमितीकरण शुल्क 56 रु. से 168 रु. प्रति वर्ग फुट कर दिया. इससे जनता में रोष होने तथा वित्तीय बोझ असहनीय होने का कारण जल्द से जल्द इस शुल्क वृद्धि को वापस लेने की मांग विधायक कृष्णा खोपड़े ने पत्र परिषद में की.

    उन्होंने कहा कि यदि राज्य सरकार इस शुल्क वृद्धि को वापस नहीं लेती है तो भाजपा की ओर से हर स्तर पर बड़ा आंदोलन किया जाएगा. जिसकी शुरुआत 15 नवंबर के आंदोलन से होने जा रही है. सामान्य जनता को न्याय देने के लिए विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेन्द्र फडणवीस के नेतृत्व में यशवंत स्टेडियम से मोर्चा निकाला जाएगा. पत्र परिषद में विधायक विकास कुम्भारे, सत्तापक्ष नेता अविनाश ठाकरे, पार्षद संजय बंगाले, बाल्या बोरकर, सुनील मित्रा, धर्मपाल मेश्राम, अर्चना डेहनकर, चंदन गोस्वामी आदि उपस्थित थे. 

    लगातार करती रही वृद्धि

    खोपड़े ने कहा कि राज्य में जब भी कांग्रेस के नेतृत्ववाली सरकार ने सत्ता संभाली, गुंठेवारी अंतर्गत भूखंडधारकों पर अन्याय की मालिका शुरू की है. वर्ष 2001 में जिस समय गुंठेवारी कानून की निर्मिति हुई, तब इस सरकार ने विकास शुल्क 48 रु. प्रति वर्ग फुट रखा हुआ था. किंतु यह शुल्क भी अधिक होने से भाजपा ने नितिन गडकरी और देवेन्द्र फडणवीस के नेतृत्व में सड़क पर उतरकर बड़ा आंदोलन किया. जिसके बाद विकास शुल्क 16 रु. प्रति वर्ग फुट किया गया था. शहर में भूखंडधारकों को चिटणवीस पार्क में सम्मेलन लेकर लाखों लोगों को डिमांड वितरित किए गए. गुंठेवारी अंतर्गत कई आरक्षण होने के कारण विकास प्रलंबित था. भाजपा ने विधानसभा में इस मुद्दे को उठाकर गुंठेवारी अंतर्गत लेआऊट में से आरक्षण विखंडित कर लेआउट का नियमितीकरण करने की प्रक्रिया शुरू कराई.

    2013 में 56 रु. किया शुल्क

    उन्होंने कहा कि वर्ष 2013 में पुन: इस सरकार ने विकास शुल्क में वृद्धि की. प्रति वर्ग फुट 56 रु. का नियमितीकरण शुल्क निर्धारित किया. जिससे भूखंड धारकों में पुन: असंतोष फैला. भूखंड धारक शुल्क भरने में अक्षम होने के कारण वर्ष 2014 में सत्ता में आते ही मुख्यमंत्री रहते हुए फडणवीस ने विकास कार्यों के लिए 500 करोड़ रु. का निधि आवंटित किया. जिससे इन लेआउट में सेवा सुविधाएं उपलब्ध हुई. अब सरकार ने विकास शुल्क में 3 गुना वृद्धि की है. जिससे भूखंडधारकों की कमर टूट गई है. सामान्य जनता पर अन्याय करने का काम सरकार द्वारा किया जा रहा है. भाजपा की ओर से इसका पूरजोर विरोध किया जाएगा. पूर्व के भूखंड और भविष्य में निर्मित होनेवाली सभी भूखंडों का नियमितीकरण पुरानी दरों से ही करने की मांग उन्होंने की.