Tiger rescued

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उमरेड (सं.). नागपुर प्रादेशिक वन विभाग के तहत उमरेड दक्षिण वन परिक्षेत्र में मसाला जंगल क्षेत्र से गंभीर रूप से जख्मी 9 से 10 वर्षीय बाघ को वन विभाग की रेस्क्यू टीम ने 9 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद पिंजरे में कैद किया.  बाघ को देखने के लिए स्थानीय लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई.

चारगांव फॉरेस्ट राउंड के मसाला फॉरेस्ट बिट में मसाला ग्राम परिसर के जंगल क्षेत्र के कम्पार्टमेंट नंबर 374 में ग्रामीणों को सुबह 9 बजे बाघ दिखाई दिया.  इसकी सूचना पुलिस को दी गई. पुलिस ने वन विभाग को सूचित किया. इसके बाद उमरेड दक्षिण वन विभाग प्रभारी आरएफओ पीडी बाभडे तथा वन विभाग की टीम घटनास्थल पर पहुंची. उमरेड के थानेदार प्रमादे घोंगे, एपीआई विवेक सोनवने तथा अन्य पुलिसकर्मी भी सुबह करीब 9.30 बजे घटनास्थल पर पहुंचे.

ग्रामीणों ने वन विभाग को बताया कि बाघ के सामने वाले दायें पैर में गंभीर चोट लगी होने से वह चल नहीं पा रहा है. रेस्क्यू टीम द्वारा शाम 5 बजे तक खोजबीन करने के बाद मसाला जंगल क्षेत्र के महुआ पेड़ के नीचे चोटिल बाघ सोया हुआ नजर आया. उसके पैर में चोट करीब 2 से 3 दिन पहले की होने की अनुमान लगाया जा रहा है.

बाघ को रेस्क्यू करने हेतु वाइल्ड लाइफ टीटीसी नागपुर की टीम सुबह 11 बजे घटनास्थल पर पहुंची. इसमें आरएफओ प्रतिभा रामटेके, डॉ. सुदर्शन ठाकरे, डॉ. राजेश फुलसंगे, आरओ चन्द्रशेखर कडवे, शंकर हाथीठेले की टीम ने चोटिल बाघ को रेस्क्यू करने के लिए गन से एनेस्थीसिया इंजेक्शन देने की परमिशन समय पर नहीं मिलने से रेस्क्यू टीम को 5 बजे तक परमिशन का इंतजार करना पड़ा.

बाद में प्रादेशिक वन विभाग के एसीएफ वीसी गगावले, मानद वन्य जीव रक्षक कुंदन हाथे आदि घटनास्थल पर करीब 5 बजे आने के बाद रेस्क्यू टीम ने अपनी कार्रवाई प्रारंभ की. टीम ने जेसीबी मशीन के सहयोग से चोटिल बाघ को गन से एनेस्थीसिया का एक डाट मारा. बाद में चोटिल बाघ को करीब 20 मिनट के बाद वन विभाग के पिंजरे में कैद कर उपचारार्थ टीटीसी नागपुर ले जाया गया.