Nitin raut
नितिन राउत (फाइल फोटो)

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    नागपुर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2022 तक सभी के लिए घर की संकल्पना के चलते प्रधानमंत्री आवास योजना शुरू की थी लेकिन जिले के रामटेक, कामठी, पारशिवनी और कन्हान तहसीलों में इस योजना के अमल में ही कोताही बरती जा रही है. पंचायत समिति रामटेक के पूर्व सभापति उदयसिंह यादव में पालक मंत्री नितिन राऊत और गृह निर्माण मंत्री जितेन्द्र आव्हाड़ को पत्र लिखकर अनेक वर्षों से नजूल की जमीन पर अतिक्रमण कर रहने वाले दुर्बल घटक परिवारों को पीएम आवास योजना के तहत लाभ प्रदान करने की मांग की है. राऊत ने जिलाधिकारी को इस संदर्भ में निर्देश दिए.

    जिलाधिकारी ने सभी चारों नगर परिषद के मुख्याधिकारियों को लिखित आदेश जारी किया है कि संदर्भित मामलों में स्वसंज्ञान लेकर तत्काल प्रभाव से कार्य शुरू करें. यादव ने बताया कि नगर परिषद रामटेक के अंतर्गत 664 परिवार अतिक्रमणधारक हैं जो अनेक वर्षों से यहां रहते हैं. नप की ओर से सभी मूलभूत सुविधाएं, राशन कार्ड, वोटर कार्ड, आधार कार्ड, बिजली कनेक्शन दिए है लेकिन इन परिवारों को अधिकृत पट्टा नहीं मिलने के कारण उनका नाम पीएम आवास योजना में समाविष्ट नहीं किया गया है. जब तक उन्हें पट्टा नहीं मिलता तब तक वे इस योजना के लिए अपात्र रहेंगे. यादव ने मांग की है कि सभी पट्टा देने की प्रक्रिया पूरा करने के साथ ही साथ आवास योजना के प्रारूप में नाम शामिल किया जाए. 

    कन्हान में तो रिकॉर्ड ही नहीं

    यादव ने बताया कि हालत यह है कि कन्हान में जहां बड़ी संख्या में दुर्बल घटक के नागरिक बसे हुए हैं, फिर भी नगर परिषद ने आवास योजना के लिए सूची तक नहीं बनाई है. यादव ने दावा किया कि नप के पास इनका कोई रिकॉर्ड तक नहीं है और न ही यहां के नेता इस ओर ध्यान दे रहे हैं. ऐसा ही कुछ हाल नगर परिषद पारशिवनी का भी है. पारशिवनी में पीएम आवास योजना के तहत गरीब जरूरतमदों को आवास दिलाने के संदर्भ में नगर परिषद द्वारा किसी तरह की रुचि नहीं ली जा रही है. वहां केवल 145 अतिक्रमणधारक ही बताए जा रहे हैं जो सही नहीं है. इसके अलावा कामठी नगर परिषद में 543 लाभार्थियों के नाम सूची में शामिल किए गए हैं लेकिन वहां कम से कम 5,000 ऐसे गरीब परिवार हैं जिन्हें इस योजना का लाभ दिया जा सकता है. यादव ने बताया कि मुस्लिम, दलित और यादव समुदाय के अनेक परिवार वर्षों से नजूल व सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण कर रहे हैं जिन्हें नप द्वारा सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई हैं लेकिन पट्टा नहीं दिया गया है. 

    सूची में केवल 4-5 यादव परिवार

    कामठी में दलित, मुस्लिम और यादवों के हजारों परिवार रहते हैं जिनमें सैकड़ों परिवार बेहद गरीब हैं. वे नजूल की जमीनों पर अतिक्रमण कर वर्षों से रह रहे हैं. आश्चर्य की बात यह है कि नगर परिषद ने जिन 543 लाभार्थियों की सूची बनाई है उनमें मात्र 4-5 नाम ही यादव परिवारों के हैं, वही दलित समुदाय के भी केवल 20-25 ही नामों का समावेश किया गया है. उन्होंने कहा कि सभी गरीब तबके के परिवारों को उनका अपना आशियाना देने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लाभ प्रदान करने के लिए तेजी से कार्य करना चाहिए. उन्होंने सभी संबंधितों को मालिकी हक का पट्टा देने की प्रक्रिया तेज करने की मांग की ताकि ऐसे लोगों को पीएम आवास योजना का लाभ दिया जा सके. पालक मंत्री के निर्देश पर जिलाधिकारी ने सभी नगर परिषद मुख्याधिकारियों को संदर्भित निर्देश दिए हैं.