Mayo Hospital

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    नागपुर. इंदिरा गांधी शासकीय वैद्यकीय महाविद्यालय व अस्पताल में शासकीय योजनाओं के तहत होने वाले उपचार के लिए आवश्यक दवाइयां सहित सर्जिकल सामग्री खत्म हो गई है. इस वजह से उपचार में भी दिक्कतें आ रही हैं. इस संबंध में औषधि व साहित्य खरीदी समिति ने अधिष्ठाता को एक पत्र सौंपा है. 

    महात्मा फुले जन स्वास्थ्य अभियान के साथ ही गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले मरीजों को मेयो में आयुष्यमान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य बीमा योजना से उपचार कवच प्रदान किया जाता है. समिति ने अधिष्ठाता को भेजे पत्र में स्पष्ट कर दिया है कि दवाइयां और अन्य सामग्री का भंडार खत्म हो गया है. इस वजह से योजना के तहत मरीजों का इलाज नहीं किया जा सकता.

    पत्र में समिति ने अनेक गंभीर मुद्दों की ओर भी ध्यान आकर्षित कराया है.  महात्मा फुले जन आरोग्य अभियान और आयुष्यमान भारत प्रधान मंत्री जन आरोग्य अभियान के लिए आवश्यक दवाइयों की खरीदी की दर पत्रिका की समय सीमा भी खत्म हो गई है. इससे पहले अधिष्ठाता ने दो बार 1-1 महीने की कालावधि बढ़ाकर पुराने दर पर दवाइयों की खरीदी की थी. जिससे मरीजों को दिक्कतें न आये. लेकिन समय सीमा खत्म होने के कारण सभी तरह के आपरेशन पर भी ब्रेक लग जाएगा.

    उल्लेखनीय है कि केंद्र में  सत्ता में रहते हुए कांग्रेस काल में वर्ष 2013 में महात्मा गांधी जीवनदायी आरोग्य योजना राज्यभर में शुरू की गई थी. उस वक्त 927 तरह की बीमारियों को स्वास्थ्य बीमा सुरक्षा कवच प्रदान किया गया था. शुरूआत में राज्य के 5 जिलों में पायलट प्रोजेक्ट चलाया गया था. भाजपा के सत्ता में आने के बाद 2017 में योजना का नाम बदलकर महात्मा फुले जन आरोग्य अभियान किया गया. इसमें और 70 बीमारियों का समावेश कर कुल 997 तरह की बीमारियों को इलाज के दायरे में लाया गया था.