Vidhan Parishad, Dawood Ibrahim

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नागपुर. वर्ष 1993 के मुंबई बम ब्लास्ट के मुख्य आरोपी दाऊद इब्राहिम गैंग के सलीम कुत्ता के साथ उबाठा के एक नेता का डांस वीडियो वायरल होने के बाद सरकार ने एसआईटी जांच बैठा दी. उसकी काट में विधान परिषद में विपक्ष ने एक मंत्री की फोटो सदन में दिखाते हुए उसे दाऊद के रिश्तेदार की शादी में शामिल होने का मुद्दा उठाया. मंत्री से इस्तीफा लेने और मामले की एसआईटी जांच की मांग की. सदन में मंत्री का नाम लेकर आरोप लगाने के चलते सत्तापक्ष ने आक्रामक विरोध जताया. दोनों पक्षों के बीच हंगामा शुरू हो गया. उपसभापति नीलम गोर्हे ने इसे सदन के कामकाज से हटाने की घोषणा की तो विपक्षी नारेबाजी करते हुए वेल के सामने आ गए.

दरअसल एकनाथ खड़से ने 289 के तहत मुद्दा उठाया कि मई 2017 में नाशिक में दाऊद के भाई इकबाल कासकर के घर हुई शादी में मंत्री ही नहीं, बल्कि कुछ बीजेपी विधायक और अधिकारी शामिल हुए थे. वहां आईबी के अधिकारियों की नजर थी. इस मामले में कुछ अधिकारियों पर कार्रवाई हुई थी. जब सलीम कुत्ता मामले में तत्काल एसआईटी जांच बिठाई गई तो देशद्रोहियों के साथ पार्टी में शामिल होने वाले मंत्री के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए. वेल के सामने आकर देश के गद्दारों को जूते मारो…को और ये अंदर की बात है दाऊद इनके साथ है…के नारे लगाए गए. उपसभापति ने हंगामे के बीच 10 मिनट के लिए कामकाज स्थगित कर दिया.

माफी मांगे विपक्ष : फडणवीस

10 मिनट के बाद शुरू हुई सभा में डीसीएम देवेंद्र फडणवीस ने मंत्री पर लगाए गए आरोप के सदंर्भ में सरकार की ओर से विप में निवेदन दिया. उन्होंने कहा कि यह मामला वर्ष 2017-18 का है. नाशिक स्थित शहर-ए-खतीब का खिताब पाने वाले मुस्लिम समाज के सबसे प्रतिष्ठित व्यक्ति के लड़के का विवाह था. उनके या वधु परिवार में से किसी का दाऊद से संबंध नहीं था. इस मामले की जांच उसी दौरान हो चुकी है. संबंधित मंत्री का उस प्रकरण से कोई संबंध नहीं. उन्होंने कहा कि बडगुजर-सलीम कुत्ता डांस पर विपक्ष कुछ बोलते नहीं.

उद्धव ठाकरे सभागृह में आने के कारण उन्हें दिखाने के लिए मंत्री का नाम लेकर आरोप लगाया गया. बेबुनियाद आरोप लगाने वालों को माफी मांगनी चाहिए. फडणवीस अपनी बात रख सदन के बाहर निकल गए. उनके जाते ही विपक्षी नेता अंबादास दानवे ने इस विषय पर बोलने की अनुमति मांगी लेकिन उपसभापति ने अनुमति नहीं दी. इस पर सभागृह में विपक्ष को बोलने नहीं दिया जाता, यह कहते हुए पूरे दिन के लिए विपक्षी सदस्यों ने सदन का बहिष्कार कर दिया.