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    नागपुर. विधानसभा में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि बिजली दरों के कारण यहां से किसी भी तरह के उद्योग बाहर नहीं गये. यहां पर बिजली दर थोड़ा अधिक है लेकिन उद्योगों को सहूलियत अन्य राज्यों की अपेक्षा बहुत अधिक ज्यादा दी जा रही है जो भी उद्योग बाहर गये हैं, वे 2013 से पहले गये हैं.

    कारखाने रात के समय जो बिजली का उपयोग करते हैं, उसमें 1.5 रुपये की छूट दी जाती है. वहीं रात्रि में लोड फेक्टर के तहत कारखानों या उद्योगों ने एक्स्ट्रा लोड का उपयोग नहीं किया तो उन्हें 15% की सहूलियत दी जाती है. विविध तरह की दी जाने वाली सहूलतिय में त्वरित बिल भरने वालों को 1% की छूट दी जाती है. वहीं 1 लाख के ऊपर की रकम वाले बिलों में 0.35% की छूट दी जाती है. इतनी अधिक छूट अन्य किसी राज्य में नहीं दी जाती है. इसी के चलते हमारे यहां के उद्योगों को यह बिजली दर काफी योग्य पड़ती है. 

    किसानों को दी जाती है 5 से 6 रु. सब्सिडी

    देवेंद्र ने कहा कि किसानों को जो बिजली दी जाती है, उसकी लैंडिंग कॉस्ट 7 रुपये पड़ती है. इसमें उन्हें 5 से 6 रुपये सब्सिडी दी जाती है. उनसे बिजली का 1 से 1.50 रुपये लिया जाता है. इसके लिए कुछ सब्सिडी बजट से ली जाती है, वहीं इसका कुछ बोझ औद्योगिक ग्राहकों पर डालते हैं. इससे कहीं न कहीं हम पर इसका बोझ पड़ता है. अगले वर्ष से छत्तीसगढ़ कोयला मिलेगा तो दरों में कुछ हद तक छूट मिलेगी. पिछली बार हमने विदर्भ-मराठवाड़ा पावर सब्सिडी लाई थी जिससे कॉम्पिटिटिव रेट मिल सकेंगे. परंतु पिछली सरकार ने इसमें कुछ बदलाव किया है. इस पर अभी सीएम से बात चल रही है.

    यहां हैं अपार खनिज संपदा 

    उन्होंने कहा कि यहां पर अपार खनिज संपदा हैं. ऐसे उद्योगों को किस तरह से लगाना है, इस पर विचार किया जा रहा है. वहीं माइनिंग पॉलिसी और सब्सिडी को नये तरीके से बदलने के लिए भी प्रयास किया जा रहा है. इससे माइनिंग पॉलिसी में बदलाव से माइनिंग से संबंधित उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा और सब्सिडी रेट में बदलाव किये जाने से हमारे यहां के उद्योग अन्य राज्यों से प्रतिस्पर्धा कर सकेंगे.