Vietnam : mobile phone of 11-year-old boy attending online class at home explodes, child dies due to fire
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    नागपुर. स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही एक बार फिर उजागर हो गई है. कोरोना का टीका लगा नहीं और मोबाइल फोन पर टीके की पहली डोज लेने का मैसेज आ गया. टीका लगाने का प्रमाणपत्र भी जारी कर दिया गया. जुनी मंगलवारी निवासी 5 बुजुर्गों के साथ ये घटना घटी है. ईश्वरा भोजवानी (80), भरत भोजवानी (56), आशा भोजवानी (55), अशोक खिलवानी (57) और सीमा खिलवानी ( 56) के मोबाइल फोन पर कोरोना टीके की पहली डोज लगने का मैसेज आया तो वे हैरान रह गए. उनके मुताबिक महानगर पालिका के अधिकारी घर पर आए और मोबाइल पर कोरोना वैक्सीन लगाने का रजिस्ट्रेशन किया. कहा की बाबूलबन मैदान में वैक्सीन लगाने का शिविर लगा हुआ.

    पांचों मिलकर जब शिविर में पहुंचे तो चिकित्सकों ने उनसे कहा की आप पांचों में से चार की उम्र 60 वर्ष के नीचे होने के कारण वैक्सीन नहीं लगाई जा सकती है. चारों ने चिकित्सकों की बात मान ली. वहीं, 80 वर्षीय ईश्वरा का आधार कार्ड स्कैन मशीन में काम नहीं कर रहा था तो चिकित्सकों ने जवाब दिया कि हम इन्हें भी वैक्सीन नहीं लगा सकते. पांचों बुजुर्ग वापस अपने निवास में आ गए. लेकिन पांचों के मोबाइल पर मैसैज आया कि आपको कोरोना वैक्सीन का पहला डोज सक्सेसफुली लग गया है. उसका प्रमाणपत्र cowin.gov.in पर प्राप्त कर सकते हैं.

    पांचों बुजुर्ग हैरान हो गए कि जब वैक्सीन लगाई ही नहीं तो मैसैज कैसे आया है. इसकी शिकायत करने पर चिकित्सक उन्हें टालमटोल वाला जवाब देने लगे. इस मामले को लेकर शहर कांग्रेस कमेटी के महासचिव शंकर सुगंध ने जांच की मांग की है. सुगंध का कहना है कि वैक्सीन लगाने के नाम पर शिविर में बुर्जुर्गों के साथ धोखाधड़ी की जा रही है. उन्होंने आशंका जताई है कि कहीं मनपा के अधिकारी और चिकित्सक वैक्सीन को निजी हॉस्पिटलों को बेच तो नहीं रहे हैं.