Burdi Market, Buldi
Burdi Market

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नागपुर:  हॉकर्स (Burdi Hawkers) जोन को लेकर एक ओर गत वर्ष दायर याचिका पर सुनवाई जारी है वहीं अब हाल ही में कुछ हॉकर्स जोन को निरस्त किए जाने को चुनौती देते हुए नागपुर फेरीवाला फुटपाथ दूकानदार संगठन के रज्जाक कुरैशी ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की।  हाई कोर्ट के आदेश के अनुसार मंगलवार को महानगरपालिका (टाउन वेंडिंग कमेटी) ने  हलफनामा दायर किया। 

हलफनामा में मनपा की ओर से बताया गया कि हाई कोर्ट के आदेश के अनुसार 53 हॉकर्स जोन पर पुनर्विचार किया गया।  पुनर्विचार करने के बाद 6 हॉकर्स जोन को रद्द कर दिया गया जिसके बाद कुल 47 हॉकर्स जोन बचे हुए थे लेकिन बाद में फिर इन पर पुनर्विचार किया गया जिसमें पुलिस की आपत्ति के बाद बर्डी हॉकर्स जोन को भी रद्द करने का निर्णय लिया गया।  मनपा द्वारा हलफनामा दायर किए जाने के बाद इस पर याचिकाकर्ता को अपना पक्ष रखने के लिए समय प्रदान कर सुनवाई स्थगित की गई। 

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बर्डी मार्किट (फाइल फोटो)

35 वर्ष से भी पुराना ऐतिहासिक बाजार

याचिकाकर्ता ने कहा कि टाउन वेंडिंग कमेटी की बैठक तो बुलाई गई लेकिन इसी बैठक में हॉकर्स प्रतिनिधियों एवं टाउन वेंडिंग कमेटी के सदस्यों द्वारा जताई गईं आपत्तियों को दरकिनार कर हॉकर्स जोन निरस्त करने का एकतरफा निर्णय लिया गया।  याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि सीताबर्डी मेन रोड पर गत 35 वर्षों से व्यापार कर रहे हैं।  यहां पर व्यवसाय करने के लिए मनपा ने किए पंजीयन की प्रति भी याचिका के साथ दी गई है।  यह ऐतिहासिक बाजार है।  हॉकर्स नीति के अनुसार ऐतिहासिक बाजारों को छेड़ा नहीं जा सकता है।  याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि सीताबर्डी मेन रोड पर हॉकिंग को लेकर पहले ही हाई कोर्ट में एक याचिका लंबित है जिसके आदेश में बर्डी मेन रोड के दोनों ओर हॉकर्स को व्यवसाय करने के हकदार होने का उल्लेख किया गया है। 

आदेशों का उल्लंघन कर रहा प्रशासन

सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता भांगड़े ने कहा कि अवमानना याचिका और पुनर्विचार याचिका अभी भी हाई कोर्ट में लंबित हैं जिसके अनुसार हाई कोर्ट द्वारा लगाई गई रोक अभी भी जारी है।  सीताबर्डी मेन रोड के साथ 53 हॉकिंग जोन को लेकर टाउन वेंडिंग कमेटी द्वारा लिए गए फैसले को सीताबर्डी मर्चेंट एसोसिएशन की ओर से याचिका दायर की गई थी।  29 दिसंबर 2016 को समाचार पत्रों में इसकी जानकारी उजागर की गई थी।  30 जनवरी 2017 को हाई कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करने के बाद अगले आदेश तक स्थिति को ‘जैसे थे’ बनाए रखने के आदेश मनपा को दिए थे।  यहां तक कि स्वयं संज्ञान लेते हुए हाई कोर्ट की ओर से एक जनहित याचिका को स्वीकृत किया गया था।  इस जनहित याचिका पर भी हाई कोर्ट ने लाइसेंस धारकों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने को कहा था लेकिन प्रशासन तमाम आदेशों का उल्लंघन कर रहा है।