Property Tax

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नागपुर. जीएसटी लागू होने के बाद से भले ही मनपा की आय का सबसे अधिक हिस्सा राज्य सरकार द्वारा प्राप्त होता हो लेकिन सम्पत्ति कर भी उसकी स्वयं की आय का सबसे बड़ा स्रोत है. यही कारण है कि वित्तीय वर्ष में इस विभाग से 300 करोड़ की आय होने की आशा जताई गई. एक ओर जहां 300 करोड़ की आय होगी वहीं अब तक का 284 करोड़ रुपए का बकाया वसूलने के लिए कड़े प्रयास करने के संकेत भी मनपा आयुक्त द्वारा बजट के दौरान दिए गए. इससे बकाया वसूली के लिए सख्ती होने की संभावना जताई जा रही है. आलम यह है कि गत कुछ दिनों से मनपा आयुक्त द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार जोनल स्तर पर बकाया वसूली के लिए जब्ती अभियान भी शुरू हो चुका है.

75,000 से अधिक खुले भूखंड

बताया जाता है कि सिटी की कुल 6.25 लाख सम्पत्तियों में से 75,000 से अधिक खुले भूखंड हैं. खुले भूखंड होने के कारण उनकी मालकियत का पता लगाकर उन्हें नोटिस जारी करने बाद नियमों के अनुसार समय देकर बकाया वसूली को अंजाम दिया जा सकता है. तकनीकी पेंच होने के कारण कुछ देर भले ही होती हो किंतु अब खुले भूखंड भी वसूली के दायरे में हैं. नियमों के अनुसार जब्ती वारंट जारी कर 7 दिनों का समय देने के बाद इन खुले भूखंड पर भी तख्ती लगाकर जब्ती की जा रही है. विभाग के अनुसार खुले भूखंड होने के कारण बारिश के दिनों में आसपास के लोगों को भी परेशानी होती है. पानी जमा हो जाने के कारण संक्रमण फैलने तथा बीमारियों का प्रकोप होने की संभावना रहती है.

…तो नीलाम कर की जाएगी वसूली

विभाग के अनुसार सिटी में कई लोगों ने निवेश के नाम पर सम्पत्तियां खरीदी हुई हैं. नियमों के अनुसार सम्पत्तिधारकों ने स्वयं मनपा के कर विभाग से सम्पर्क कर सम्पत्तियों पर नाम दर्ज कर टैक्स लगा लेना चाहिए. म्युटेशन करने की जिम्मेदारी सम्पत्तिधारक की है लेकिन हजारों सम्पत्तियां ज्यों की त्यों हैं जिससे इन सम्पत्तिधारकों को खोजना भी एक चुनौती है. मनपा द्वारा किए गए सर्वे के अनुसार इस तरह से 75,000 खुले भूखंड हैं. जोनल कार्यालय की ओर से इनकी जानकारी लेकर नोटिस देने की प्रक्रिया काफी पहले ही शुरू हो चुकी है. अब जब्ती के बाद भी बकाया अदा नहीं किया गया तो संबंधित सम्पत्तियों की नीलामी कर मनपा बकाया वसूल कर लेगी.