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  • होटलों पर सख्ती, ऑनलाइन कारोबार पर रहम
  • ऑफलाइन व्यापार हो रहा चौपट

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नागपुर. रात 2 बजे भूख लगी है तो चिंता की कोई बात नहीं है. इस दौरान आप जो चाहे, वह घर पहुंच जाएगा. यहां पर किसी की न तो नजर है और न ही बंदिशें, मोबाइल उठाना है और जोमोटो, स्विगी में ऑर्डर करना है. मनचाहा व्यंजन घर पर, वहीं दूसरी ओर वास्तविकता यह है कि रात 11 बजते ही रेस्टोरेंटों को बंद कराने की होड़ मच जाती है. रात 12 बजे रेस्टोरेंट चलाते हुए पकड़े गए तो समझों हजारों रुपए का दंड. डिजिटल वर्ल्ड में टाइम का कोई बंधन नहीं है. नियम कानून की परवाह भी नहीं है.

ऑनलाइन कारोबार से ऑफलाइन कारोबारियों का सिरदर्द काफी बढ़ गया है. ऑनलाइन एप के जरिए जो भी चीज मंगानी हो रात-बिरात मिल जाती है. एप में रोल सर्च करने पर 20 से 25 रेस्टोरेंट के नाम सामने आ जाते हैं. इसी प्रकार अगर आप बिरयानी टाइप कर दे तो रेस्टोरेंट और होटलों की लंबी लिस्ट सामने आ जाती है. इसका सीधा सा तात्पर्य यह हुआ है कि इतने होटल देर-देर रात तक चालू हैं. ऐसा भी नहीं है कि इसमें अनजाने नाम आते हैं. कई नामचीन होटलों के नाम इस सूची में शामिल रहते हैं. इस प्रकार रात 2-2 बजे तक होटलों का संचालन कैसे हो रहा है यह समझ से परे है.

सरपट भागते है बाइकर

रात को खाना सप्लाई करने के लिए जान जोखिम में डालकर बाइकर सरपट सड़कों पर दौड़ते हुए देखे जा सकते हैं. ऐसी स्थिति शहर के किसी खास इलाके में नहीं है बल्कि, शहर के कोने-कोने में एप द्वारा रात बिरात सेवाएं पहुंचाई जा रही है. इन पर न तो पुलिस की नजर रहती है और न ही प्रशासन ध्यान देता है. जब किसी के साथ कोई दुर्घटना हो जाती है तो बात को तुल दिया जाता है और खूब हो हल्ला मचाया जाता है. 

ऑफलाइन वाले परेशान

ऑफलाइन वाले रेस्टोरेंट संचालकों को ऑनलाइन वालों से परेशानी नहीं है. उनका कहना है कि उन्हें भी समान अवसर मिलना चाहिए. आज ऑफलाइन वाले को रात 11 बजे बंद कराने के लिए विभागों में स्पर्धा लगी हुई है. कोई भी विभाग आता है और ऑर्डर देकर चला जाता है. पकड़े जाने पर 5-10 हजार रुपए तक का चालान काट दिया जाता है. ऐसे में पूरी की पूरी कमाई झटके में निकल जाती है. पुलिस, ट्रैफिक विभाग से लेकर एफडीए और मनपा अधिकारियों की खातिरदारी करना इन होटल संचालकों की मजबूरी हो गई है. बार है तो उत्पाद शुल्क विभाग की गिद्ध दृष्टि लग जाती है. कहने का तात्पर्य यह है कि हम संचालकों को नियम-कानून के तमाम पाठ पढ़ाए जाते हैं लेकिन इन ऑनलाइन वालों के लिए कोई नियम कानून है ही नहीं.

बिरयानी की लंबी सूची

रात हो या दिन ऑनलाइन में खाने की वेरायटी की कोई कमी नहीं है लेकिन रात में बिरयानी होटलों की संख्या देखने लायक होती है. बिरयानी सर्च करते ही बिरयानी परोसने वाले होटलों की लंबी सूची तैयार हो जाती है. इससे तो यही लगता है कि बिरयानी बनाने वाले होटलों की संख्या काफी बढ़ गई है या फिर ये रात में ही ज्यादा सक्रिय होते हैं. रातों में भी इसकी ओर से सुचारू सेवाएं प्रदान भी की जाती है.

क्वॉलिटी का भरोसा नहीं

होटल उद्योग से जुड़े लोगों का कहना है कि रात में ऑर्डर करने पर वेरायटी का कोई भरोसा नहीं रहता. कहां से कैसा माल आएगा यह कहना भी मुश्किल है. रात होने के कारण होटल संचालक कई बार कम दर्जेदार माल भी भेज देते हैं. 

किचन रात में रख सकते हैं शुरू: CP

इस संबंध में संचालकों ने पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार से सीधा सवाल किया. इस पर आयुक्त ने कहा कि ऑनलाइन को लेकर अब तक कोई स्पष्ट गाइडलाइन नहीं है. लेकिन रेस्टोरेंट संचालक चाहे तो वे किचन रात में देर रात तक शुरू रख सकते हैं. उन्होंने कहा कि केवल किचन स्टॉफ और पैकिंग स्टॉफ ही अंदर होना चाहिए. डिलीवरी भी केवल ऑनलाइन ब्वॉय को ही की जा सकती है. देर रात किसी पर्सनल व्यक्ति को माल की डिलीवरी नहीं की जा सकती. अगर ऐसा कोई करना चाहता है तो वह कारोबार कर सकता है. लेकिन इस बीच अगर कोई नियम का उल्लंघन करता हुआ पकड़ा जाता है तो उस पर कठोर कार्रवाई की जाएगी. सी.पी. के इस स्पष्ट निर्देश के बाद संचालकों में खुशी है और उम्मीद की जा  रही है कि कई अन्य रेस्टोरेंट संचालक रात में भी अपनी सेवाएं ऑनलाइन शुरू कर सकते हैं.