Sky Walk

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    नागपुर. स्मार्ट सिटी बन रहे नागपुर में हर तरफ सीमेंट की सड़कों की जाल फैलाया जा रहा है लेकिन पैदल चलने वालों के लिए अब भी बरसों पुरानी व्यवस्था यानी फुटपाथ ही है. हालांकि फुटपाथ कभी पैदल चलने वालों के काम नहीं आ सके क्योंकि इन पर अतिक्रमणकारियों ने अपना कब्जा जमा रखा है. लगातार बढ़ रही जनसंख्या और संकरी होती सड़कों को देखते हुए वर्तमान और भविष्य की जरूरत के तौर पर सिटी में अब ‘स्काई वॉक’ का जाल फैलाना जरूरी हो गया है, तब ही सिटी को वास्तविक स्मार्ट सिटी कहा जा सकेगा.

    इन सड़कों पर जरूरी है स्काई वॉक

    • झांसी रानी चौक से जनता चौक
    • एलआईसी चौक से जयस्तंभ चौक
    • एलआईसी चौक से सदर चौक
    • शंकरनगर से एलएडी कॉलेज चौक
    • सीताबर्डी मेट्रो एक्सचेंज परिसर
    • रेलवे स्टेशन से जीरा माइल मेट्रो स्टेशन
    • तुकड़ोजी पुतला चौक से मानेवाड़ा चौक
    • पूरा महाल क्षेत्र
    • मेडिकल चौक परिसर
    • बैद्यनाथ चौक से आग्याराम देवी चौक
    • कॉटन मार्केट से आग्याराम देवी चौक
    • पूरा इतवारी परिसर

    वॉकिंग सिस्टम पर सर्वे क्यों नहीं?

    केन्द्रीय मंत्री गडकरी सिटी के विकास में कोई कसर नहीं छोड़ रहे. चाहे आधारभूत सरंचना के तौर सीमेंट की सड़कें, मेट्रो रेल, सीसीटीवी कैमरों की बात या फिर लोगों के लिए मनोरंजन के लिए फुटाला पर म्यूजिकल फाउंटेन, तालाबों का सौंदर्यीकरण. व्यापारिक परिदृश्य में छोटे व्यापारियों पर माल परिवहन का बोझ कम करने के लिए नाग नदी में जल परिवहन की योजना. हर विकास कार्य की उपयोगिता जानने सर्वे कराया गया, नोडल एजेंसियां नियुक्त की गई लेकिन इन सबमें कहीं भी पैदल चलने वालों के लिए कोई सर्वे नहीं कराया गया. न ही इस बारे में कोई नोडल एजेंसी की जरूरत समझी गई जिससे कि सिटी की सड़कों से भीड़ कम करने की योजना पर काम किया जा सके. इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि यदि सड़क दुर्घनाओं में बिना हेलमेट दोपहिया वाहन चालकों की मौत के आंकड़े भयावह है तो ऐसी ही दुर्घटनाओं में पैदल चलने वालों की मौतें भी कम नहीं होती.

    अधूरा रह जायेगा स्मार्ट सिटी का सपना

    केन्द्रीय सड़क व परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने राज्य के परिवहन मंत्री रहते हुए वनवे रोड का महत्व समझा और पूरे शहर में एकात्मिक सड़क योजना से विकास किया लेकिन वाहनों की बेतहाशा वृद्धि, 30 लाख के पार हो चुकी जनसंख्या और पड़ोसी राज्यों से आने वाले लोगों की संख्या इतनी बढ़ गई है कि केवल 20 वर्षों में ही उस दौर की अपार चौड़ी सड़कें अब बेहद संकरी नजर आने लगी हैं. हालांकि आज नागपुर उन शहरों में शामिल है, जहां सबसे अधिक ओवरब्रिज है और कई ओवरब्रिज बनाये भी जा रहे हैं लेकिन ये सब केवल वाहनों के लिए ही अधिक उपयोगी हो रहे हैं. बाजार और मुख्य सड़कों पर पैदल चलने वालों के लिए अब भी संकरे फुटपाथ ही है. इन पर भी अतिक्रणमकारियों ने कब्जा जमा रखा है. ऐसे में वास्तव में स्मार्ट सिटी बनाने के लिए वाहनों के साथ ही पैदल चलने वालों के लिए भी उचित व्यवस्था जरूरी है. ऐसा न हो हुआ तो नागपुर को स्मार्ट सिटी बनाने का सपना कभी पूरा नहीं हो सकेगा.