उत्तर भारत के लिए चलाई जाएं स्पेशल ट्रेनें

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    • रेल प्रशासन से भारतीय यात्री केंद्र ने की मांग 
    • क्षमता से अधिक सफर कर रहे यात्री 

    नागपुर. त्योहारी सीजन के कारण ट्रेनें फुल चल रही हैं. दिवाली के साथ ही छठ पूजा के लिए उत्तर भारत जाने वाली ट्रेनों में पैर रखने तक की जगह नहीं मिल रही हैं. ऐसे में रेल प्रशासन को चाहिए कि नागपुर होते हुए कानपुर, लखनऊ और गोरखपुर जैसी प्रमुख स्टेशनों के लिए अतिरिक्त ट्रेनें चलाई जाएं. यह मांग भारतीय यात्री केंद्र द्वारा की गई. केंद्र के सचिव बसंतकुमार शुक्ला ने कहा कि रेलवे में भारी सुधारों के दावों के बीच नागपुर से उत्तर भारत की ट्रेनों में स्थिति जस की तस ही है.

    दिवाली और छठ त्योहारों के दौरान एक कम्पार्टमेंट में 8 यात्रियों की बजाय 20 से अधिक यात्री सफर करते दिखाई दे रहे हैं. ये ट्रेनें पूरे साल ही फुल चलती थीं और अब भी चल रही हैं. ऐसे में यह कैसे कहा जा सकता है कि रेलवे के कथित सुधारों का फायदा सामान्य यात्रियों को मिलने लगा है. आज उत्तर भारत जाने वाली ट्रेनों में क्षमता से 3 गुना अधिक यात्री सफर कर रहे हैं. रिजर्वेशन कोटा कम होने से पहले ही हजारों यात्रियों को महीनों पहले बुकिंग के बावजूद कन्फर्म टिकट नहीं मिलती. ऐसे में यदि रेलवे स्पेशल ट्रेनें नहीं चलाना चाहती तो कम से कम इन ट्रेनों में एक्स्ट्रा कोच जोड़कर कुछ यात्रियों को राहत को दे ही सकती है.

    यात्रियों की जान-माल का जिम्मेदार कौन

    ट्रेनों में भीड़ के दौरान चोरों की गतिविधियां काफी अधिक बढ़ जाती हैं. उत्तर भारत की ट्रेनों में सफर कर रहे यात्रियों में अधिकांश मजदूर वर्ग के यात्री होते हैं जो पूरे साल की थोड़ी बहुत जमा कमाई लेकर घर जा रहे होते हैं लेकिन भीड़ का फायदा उठाकर चोर इस कमाई और बाकी सामानों पर हाथ साफ कर जाते हैं. ऐसे में रेलवे को भीड़ भरी ट्रेनों में रेलवे सुरक्षा बल की गश्त बढ़ानी चाहिए. साथ ही ट्रेन 12139/40 नागपुर-मुंबई-नागपुर सेवाग्राम एक्सप्रेस में यात्रियों की सहूलियत को देखते हुए प्रथम श्रेणी क्लास की बोगी लगाने की मांग की. इसके अलावा उन्होंने खचाखच भरी ट्रेनों में स्वच्छता की भी शिकायत की. उन्होंने ट्रेन के 4 घंटे अधिक से देरी से चलने पर यात्रियों द्वारा रद्द टिकट पर पूरा रिफंड देने के साथ ही लोगों को ट्रेन ऑफ ग्लांस जल्द से जल्द उपलब्ध कराने की मांग की.