Tomato

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    नागपुर. मौद्रिक नीति की घोषणा करते समय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने भी मुद्रस्फीति बढ़ने के कारणों में से एक कारण टमाटर को भी बताया था. महंगाई की पिच पर पिछले एक साल से टमाटर सूर्यकुमार यादव की तरह धुआंधर बैटिंग कर रहा है. मार्केट के ताजा आंकड़ों के मुताबिक 3 अक्टूबर 2021 की तुलना में 3 अक्टूबर 2022 को टमाटर के औसत भाव में 35.34 फीसदी का उछाल आया है. वर्तमान में भी थोक बाजार में टमाटर 40-45 रुपये किलो बिक रहा है. चिल्लर बाजार में मनमानी कीमत पर बिक रहा है. अधिकांश हरी सब्जियां 20-20  मैच खेल रही हैं और सभी के सभी अर्धशतक बना चुकी हैं. चिल्लर मार्केट में कई सब्जियां शतकवीर बन चुकी हैं.

    साथ दे रहा आलू

    एक साल पहले 3 अक्टूबर को टमाटर का औसत भाव 32.60 रुपये किलो था. तीन अक्टूबर 2022 को यह खुदरा बाजारों में 44 रुपये प्रति किलो के औसत से बिक रहा था. इस अवधि में आलू की भी बैंटिंग शानदार रही. एक साल में आलू के भाव 39.84 फीसदी उछला है. एक साल में यह 20.23 रुपये से 28.29 रुपये पर पहुंच गया है. कई लोगों को रुलाने और सरकारें गिराने वाले प्याज का फार्म खराब हो चुका है. एक साल में यह 11.78 फीसदी गिरकर 29.36 रुपये प्रति किलो के औसत भाव से 25.90 पर आ गया है. 

    टोटल स्कोर कर रहा परेशान

    सब्जियों के टोटल स्कोर ने विपक्षी टीम (ग्राहक) को परेशान कर रखा है. अनुकूल पिच मिलने का सभी लाभ उठा रहे हैं. इस बार पूरे सीजन हाई स्कोर मैच खेला जा रहा है. विपक्षी टीम के लिए टोटल तक पहुंच पाना काफी मुश्किल हो रहा है. थोक मंडी में ही फूल गोभी 60 रुपये, मिर्ची 60 रुपये, धनिया 160 रुपये, शिमला 70 रुपये,करेला 50 रुपये, चौलाई 50 रुपये, ग्वाल फली 50 रुपये पर बैटिंग चालू है.

    गेहूं से किचन का पिच खराब

    किचन का बजट बिगाड़ने वाले खाद्य तेलों ने नरमी दिखाई तो आलू टमाटर के बाद गेहूं ने अपने तेवर दिखा दिए. रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण गेहूं के दाम बेहताशा बढ़े हैं. खुदरा बाजारों में एक साल पहले गेहूं के आटे का औसत भाव 26.71 रुपये किलो था. तीन अक्टूबर 2022 को यह 16.51 फीसदी उछल कर 31.12 रुपये पर पहुंच गया. गेहूं 21.60 फीसदी महंगा होकर 30 से 36.48 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गया है.