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नागपुर. 18 महीने में स्वास्थ्य उपकेन्द्र का निर्माण कार्य पूरा करने का ठेका लेकर लगभग 6 वर्ष में भी पूरा नहीं करने वाले मे. अताशा आशीर्वाद बिल्डर्स का करार रद्द करने के साथ ही उसे ब्लैक लिस्टेड करने का निर्देश जिप अध्यक्ष मुक्ता कोकड्डे ने स्थायी समिति की बैठक में दिया.

उन्होंने ठेकेदार के सारे कार्यों का करारनामा रद्द कर शेष कार्यों की नये सिरे से टेंडरिंग करने का निर्देश अधिकारियों को दिया. उक्त ठेकेदार को फरवरी 2017 में मौदा के धानला में स्वास्थ्य उपकेन्द्र निर्माण का वर्कआर्डर दिया गया था जिसे अब तक पूरा नहीं किया. इस ठेकेदार ने जिले में अन्य कुछ कार्यों को भी अधूरा छोड़ दिया है.

इसी तरह एक ठेकेदार ने सबसेंटर की बाउंड्रीवाल से सटाकर 70-80 ट्रक गिट्टी-मुरुम डंप कर दिया जिससे दीवार क्षतिग्रस्त हो गई. उसके ठेकेदार से दीवार बनवाने अन्यथा पूरा मटेरियल जब्त करने की कार्रवाई का निर्देश कोकड्डे ने दिया. बैठक में उपाध्यक्ष कुंदा राऊत, सभापति मिलींद सुटे, प्रवीण जोध, राजकुमार कुसुंबे, सदस्य रश्मि बर्वे, दिनेश बंग, संजय झाडे, व्यंकट कारेमारे व अधिकारी उपस्थित थे. 

अधिकारी की सेवा वापस लेने का प्रस्ताव पारित

बैठक में अपनी नियुक्ति के बाद हमेशा ही छुट्टी पर रहने वाले कृषि विकास अधिकारी पिंगाट के रवैये पर सदस्यों ने भारी रोष जताया. जिले में जिस समय अतिवृष्टि से फसलों के नुकसान का जायजा लेने पदाधिकारी नुकसानग्रस्त भागों का दौरा कर रहे थे, उस दौरान भी यह अधिकारी गायब थे. उनका अवकाश का निवेदन भी कार्यालय में नहीं था.

बैठक में उनकी सेवा वापस लेने का प्रस्ताव पारित कर सरकार को भेजने का निर्णय लिया गया. अध्यक्ष ने उनके कामकाज की जांच का भी निर्देश दिया. उसी तरह पद का दुरुपयोग करते हुए ग्राम पंचायत को आर्थिक नुकसान पहुंचाने वाले ग्रापं सदस्य अस्वार के कार्यों की जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिये गए. बैठक में दूसरी से 8वीं कक्षा के सभी विद्यार्थियों को दिशा उपक्रम के तहत मराठी, अंग्रेजी व गणित विषयों के डेढ़-डेढ़ घंटे की क्लास लेने के चलते अन्य विषयों के हो रही नुकसान पर भी सदस्यों ने आक्षेप लिया.

उनका कहना है कि अभिभावकों से शिकायतें मिल रही हैं और इस योजना को जनप्रतिनिधियों को विश्वास में लिये बगैर शुरू कर दिया गया. उपक्रम शिक्षकों व विद्यार्थियों पर लाद दिया गया है. इस संदर्भ में जिला शिक्षा व प्रशिक्षण संस्था के प्राचार्य को हिवराबाजार शाल में खुद जाकर विद्यार्थियों को 1 महीना प्रशिक्षण देने के बाद ही स्थायी समिति द्वारा मूल्यांकन किया जाने का निर्देश दिया गया.