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    नागपुर. सड़कों के किनारे वाहनों की पार्किंग के चलते ट्रैफिक जाम की स्थिति, इसी तरह से फुटपाथों पर हॉकर्स का कब्जा तथा कई स्थानों पर कचरा और गंदगी होने से उत्पन्न समस्या को हल करने के आदेश हाई कोर्ट ने मनपा को दिए. यहां तक कि हाई कोर्ट ने मनपा को पार्किंग पॉलिसी पेश करने के आदेश भी जारी किए.

    इससे अब तक जी-20 को लेकर सौंदर्यीकरण में जुटी मनपा ने आनन-फानन में अधिकारियों की बैठक ली जहां मनपा आयुक्त ने पार्किंग पॉलिसी और अतिक्रमण को लेकर अधिकारियों की क्लास ली गई. उन्होंने अब हाई कोर्ट के आदेश पर तुरंत अमल कर फुटपाथों को खाली कराने के आदेश भी अतिक्रमण उन्मूलन विभाग को दिए. 

    पॉलिसी पर नहीं हुआ काम

    उल्लेखनीय है कि मनपा ने वर्ष 2016 में ही पार्किंग पॉलिसी तैयार की  थी किंतु हमेशा की तरह मनपा की लचर व्यवस्था का आलम यह रहा कि इस पर अमल नहीं हो पाया है. यहां तक कि अतिक्रमण उन्मूलन विभाग ने हर दिन फुटपाथों से अतिक्रमण तो हटाया जाता है लेकिन दूसरे दिन स्थिति ज्यों की त्यों होने पर नाराजगी भी जताई.

    पार्किंग पॉलिसी ठंडे बस्ते में चली जाने से अधिकारियों का इस पर ध्यान ही नहीं रहा किंतु अब अचानक हाई कोर्ट के आदेश होने के बाद अधिकारी पुरानी पार्किंग पॉलिसी को ढूंढने में लग गए हैं. इसी तरह से हॉकर्स को लेकर हाई कोर्ट के आदेश पर अब अधिकारी केंद्र सरकार की हॉकर्स नीति, उसके बाद राज्य सरकार द्वारा दी गई नीति को खंगालने में जुट गए हैं. 

    अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई में गति

    बताया जाता है कि मनपा की हमेशा की कार्यप्रणाली के अनुसार भले ही कुछ दिनों के बाद पूरा मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया जाए किंतु अब आदेश होने के कारण कम से कम कुछ दिनों तक के लिए फुटपाथों से हॉकर्स को हटाने के लिए अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई में गति जारी रहेगी. चूंकि कार्रवाई की रिपोर्ट भी अदालत के समक्ष प्रस्तुत करना है, अत: रिपोर्ट तैयार करने की दृष्टि से भी प्रत्येक जोन में कार्रवाई का सिलसिला जारी रहेगा.

    वैसे तो अतिक्रमण हटाने की जिम्मेदारी जोनल कार्यालयों पर है लेकिन आवश्यकता पड़ने पर मनपा मुख्यालय की टीम द्वारा भी कार्रवाई की जाती है. जानकारों के अनुसार भले ही हाई कोर्ट के आदेश हों लेकिन अभी भी जोनल कार्यालय ने सभी फुटपाथों पर कार्रवाई नहीं की है. कुछ स्थानों को जानबूझकर नजरअंदाज रखते हुए कार्रवाई को अंजाम दिया जा रहा है.