नागपुर. सिटी के एक हिस्से में विकास कार्य तेजी से किये जा रहे हैं. सीमेंट सड़कों का निर्माण, डिवाइडर पर सौंदर्यींकरण सहित तमाम तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है. वहीं, दूसरी ओर कुछ हिस्सों में स्थिति बेहद विकट बनी हुई है. सड़कों पर अतिक्रमण, डिवाइडर पर सौंदर्यीकरण का अभाव, सड़कों पर गड्ढे जैसी अव्यवस्था फैली हुई है. क्षेत्र के विधायक तो दूर की बात है प्रभाग के पार्षद भी सुधार की दिशा में प्रशासन तक शिकायत नहीं पहुंचाते. यही वजह है कि अब जनता परेशान हो गई है.
हसनबाग बस्ती में प्रवेश करने के बाद सड़कों पर जानलेवा गड्ढे दिखाई देते हैं. यह गड्ढे एक-दो जगह नहीं, बल्कि पूरी सड़क पर दोनों साइड हो गये हैं. कुछ जगह तो गड्ढों की वजह से पूरी सड़क ही कट गई है. सड़क के दोनों ओर वाहनों का जमावाड़ा है. परिसर में रहने वाले लोगों के वाहन सड़क पर ही खड़े करते हैं. वहीं कुछ जगह तो गैरेज वालों ने भी चौपहिया वाहनों की लंबी कतार लगा रखी है. फुटपाथ पर लोगों के घरों का पुराना सामान भी रखा है. कई दिनों से परिसर में सफाई नहीं हुई है. चारों ओर धूल ही धूल नजर आती है. कुछ जगह रेस्टोरेंट वाले फुटपाथ तक पहुंच गये हैं. फुटपाथ तक दूकानें फैल जाने से ग्राहक वाहन सड़क पर पार्क होते हैं.
डिवाइडर की हालत बदतर
सौंदर्यीकरण की जर्जर हालत देखते ही बनती है. डिवाइडर बनने के बाद यहां पौधे लगाये गये थे लेकिन इन पौधों को देखकर लगता है कि कई महीनों से पानी नहीं दिया गया है. वहीं कुछ जगह तो डिवाइडर भी टूट गये हैं. डिवाइडर के बीच लगे पौधे भी गायब है. इसी मार्ग पर नंदनवन पुलिस चौकी भी बनी है. इसके आसपास पहले सौंदर्यीकरण किया गया था लेकिन अब उजाड़ हो गया है. यह मार्ग खरबी और ताजबाग की ओर से जाता है. इस मार्ग पर स्कूल और कॉलेज भी है. इसके बावजूद सुधार नहीं किया जाना प्रशासनिक लापरवाही को दर्शाता है.
सड़क पर गड्ढों की भरमार
गंगाबाई घाट से लेकर पुराना भंडारा रोड मार्ग पर जाते हुए सड़क पर एक-दो नहीं, बल्कि अनगिनत गड्ढे हो गये हैं. दरअसल, सड़क पर से डामर उखड़ जाने से नीचे की परत दिखने लगी है. इससे दोपहिया वाहन चालकों को अधिक परेशानी होती है. यह स्थिति पिछले कई महीनों से बनी हुई है लेकिन सुध लेने वाला कोई नहीं है. इस मार्ग पर ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी रहती है. यही वजह है कि वाहन चालकों को परेशानी उठानी पड़ हो रही है. जगनाड़े चौक पर अस्पताल है, इस मार्ग पर से आने वाली एंबुलेंस की गति कम हो जाती है. जनप्रतिनिधि भी इस मार्ग से आना-जाना करते हैं लेकिन उन्हें समस्या नहीं दिखाई देती, यह सवाल अब जनता करने लगी है.