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नागपुर. केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के जनसंपर्क कार्यालय में एक बार फिर धमकी भरा फोन कॉल आया है. ज्ञात हो कि 14 जनवरी को भी जयेश कांथा नामक अपराधी ने बेलगांव की जेल से इस तरह का कॉल किया था. इस बार भी जयेश के नाम पर ही कॉल आया और 10 करोड़ रुपये की डिमांड की गई. फोन कॉल के पुलिस विभाग जांच में जुट गया है. मंगलवार की सुबह 10.45 बजे के दौरान पहला कॉल आया. उस समय केवल सुरक्षा रक्षक ही कार्यालय में मौजूद थे. पहली बार कॉल कनेक्ट नहीं हुआ लेकिन दूसरी बार कर्मचारी ने फोन उठा लिया. फोन करने वाले ने बताया कि मैं डी कंपनी का सदस्य जयेश उर्फ जपेश कांथा बोल रहा हूं.

पिछली बार तुम्हे कॉल किया था लेकिन 100 करोड़ रुपये की डिमांड पूरी नहीं की गई. उलटा पुलिस को शिकायत दी गई. 11.15 बजे तीसरा कॉल आया. इस बार धमकी को हल्के में नहीं लेने की चेतावनी दी गई और 10 करोड़ रुपये की मांग की गई. रकम किसे पहुंचानी है उसका नंबर भी दिया गया. इस कॉल से हड़कंप मच गया.

कार्यालय से जुड़े अधिकारियों को जानकारी दी गई और पुलिस को सूचित किया गया. खबर मिलते ही डीसीपी राहुल मदने सहित बड़ी संख्या में पुलिस बल गडकरी के कार्यालय पहुंच गया. साइबर पुलिस की मदद से फोन नंबरों का पता लगाया गया. संपर्क करने के लिए जो नंबर दिया गया था पुलिस ने उस पर संपर्क किया. यह नंबर एक युवती का था वह इवेंट मैनेजर है. पुलिस ने युवती से बात की तो फोन कॉल के बारे में कोई भी जानकारी होने से इनकार किया. उसने पुलिस को बताया कि एक परिचित युवक बेलगांव की जेल में बंद है. हो सकता है उसी ने युवती का नंबर आरोपी को दिया हो. अब दोबारा पुलिस जांच के लिए बेलगाम जा सकती है.

चर्चित अपराधी है जयेश 

इस धमकी भरे कॉल के पीछे भी जयेश कांथा का ही हाथ होने की जानकारी सामने आ रही है. 14 जनवरी को भी जयेश ने ही जेल से गडकरी के कार्यालय में कॉल करके 100 करोड़ रुपये की फिरौती मांगी थी. जांच के लिए सिटी पुलिस बेलगांव भी गई थी. जयेश से पूछताछ की गई लेकिन उसने कोई जानकारी नहीं दी. पुलिस ने 8 लोगों का बयान भी दर्ज किया था. जयेश के खिलाफ 1 दर्जन से ज्यादा मामले दर्ज हैं. अगस्त 2008 में उसने कर्नाटक के पुत्तूर में अपनी भाभी सौम्या और भतीजी की हत्या की थी. 4 वर्ष बाद उसकी केरल से गिरफ्तार हुई थी. न्यायालय ने उसे दोषी भी करार दिया था. वर्ष 2018 से 2020 के बीच जयेश 3 बार जेल से भागने में कामयाब हुआ था. इसीलिए यह मामला गंभीर होता जा रहा है. एक अपराधी के पास जेल में फोन होना आश्चर्य की बात है. एक बार पूछताछ होने के बाद भी दोबारा कॉल करने से उसके हौसलों का अनुमान लगाया जा सकता है.