Big decision regarding Corona vaccination in America, US Army will discharge personnel who refuse to take vaccine
File Photo

    Loading

    • 634 बच्चों को ही लगे टीके
    • 10 सेंटर्स पर चलाई जा रही मुहिम

    नागपुर. कोरोना की तीसरी लहर अब पूरी तरह से नियंत्रण में होने तथा कई बार लगातार बाधितों का आंकड़ा शून्य में आने से अब वैक्सीनेशन अभियान को भी हलके में लिया जा रहा है. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार के निर्देशों के अनुसार 12 से 14 वर्ष आयु के बच्चों को वैक्सीन लगाने के लिए मनपा ने 10 सेंटर तो निर्धारित कर लिए लेकिन यहां प्रतिदिन केवल 650 बच्चों को ही वैक्सीन लगाई जा रही है. गुरुवार को इन सेंटर्स पर कुल 634 बच्चों कोर्बेवैक्स का टीके लगाए गए. टीकाकरण प्रक्रिया की गति धीमी होने के कारण अब गति प्रदान करने के लिए नए विकल्प खोजे जा रहे हैं. यहां तक कि स्कूलों के प्रबंधन से सहयोग की अपील की जा रही है.

    स्कूलों में कैम्प लगाने पर विचार

    मनपा की ओर से जारी किए गए आदेशों के अनुसार 12 से 14 वर्ष आयु बच्चों को वैक्सीन लगाने के लिए जल्द ही शहर की सभी मनपा, सरकारी और निजी स्कूलों में वैक्सीन कैम्प लगाने पर विचार किया जा रहा है. स्कूलों में कैम्प लगने पर मनपा की ओर से नि:शुल्क वैक्सीन, वैद्यकीय कर्मचारी, वैक्सीन का पंजीयन करनेवाले कर्मचारी, आवश्यक वैद्यकीय कर्मचारी और एम्बुलेंस तथा दवा उपलब्ध कराई जाएगी.

    मनपा की ओर से पूर्ण सेवाएं मुहैया होने से अति. आयुक्त राम जोशी ने इसमें सहयोग करने की अपील स्कूल प्रबंधन से की है. उन्होंने कहा कि स्कूल स्वयं की सुविधा के अनुसार कैम्प लगाने के लिए मनपा के स्वास्थ्य अधिकारी और जोनल वैद्यकीय अधिकारी से सम्पर्क कर सकते हैं. उल्लेखनीय है कि 16 मार्च से 12 प्लस आयु के बच्चों को वैक्सीनेशन का अभियान शुरू किया गया. जिसमें अब तक केवल 3,384 बच्चों को ही वैक्सीन दी गई.

    इमरजेंसी उपयोग को मंजूरी, पालकों में संभ्रम

    सूत्रों के अनुसार 12 से 14 वर्ष की आयु के बच्चों को कोर्बेवैक्स वैक्सीन देने का भले ही निर्णय लिया गया हो लेकिन प्राथमिक स्तर पर इसके इमरजेंसी उपयोग को ही मंजूरी प्रदान की गई है. इस तरह से उपयोग को मंजूरी प्रदान किए जाने से बच्चों की उम्र को देखते हुए पालकों में वैक्सीन को लेकर संभ्रम बना हुआ है. यहीं कारण है कि भले ही बच्चों का वैक्सीन उपलब्ध हुआ हो, लेकिन बच्चों को वैक्सीन लगवाने के लिए पालक उत्साहित दिखाई नहीं दे रहे हैं. इसके विपरीत प्रशासन का मानना है कि भले ही कोरोना पूरी तरह से नियंत्रण में हो लेकिन इसका खतरा अब तक पूरी तरह से टला नहीं है. अत: सुरक्षा की दृष्टि से सभी उपयुक्त लोगों ने वैक्सीन लेना चाहिए.