Nagpur Vidhan Bhavan

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नागपुर. उपराजधानी नागपुर में इस बार शीत सत्र में केवल 10 दिनों का ही कामकाज होगा. पहले 7 से 22 दिसंबर तक शीत सत्र की घोषणा की गई थी और इसमें 4 दिन की शनिवार-रविवार की छुट्टी छोड़ दें तो 12 दिन कामकाज होना था लेकिन विधिमंडल सचिवालय की ओर से सहसचिव पी.बी. पवार के हस्ताक्षर से जारी परिपत्र में शीत सत्र की अवधि 7 से 20 दिसंबर तक उल्लेखित है. इसके हिसाब से अब कामकाज महज 10 दिन ही होंगे. उस पर भी पहला दिन तो शोक प्रस्ताव पर ही निकल जाता है. फिर 2-3 दिन विरोध व हंगामे की भेंट चढ़ जाता है.

विदर्भ की जनता को यहां होने वाले सत्र से भारी आशाएं रहती हैं लेकिन दिनों को कम कर देने से कामकाज प्रभावित तो होंगे ही. देखा गया है कि जो भी पार्टी विपक्ष में रहती है वह नागपुर का सत्र 4 से 6 सप्ताह तक चलाने की मांग करती है लेकिन जब वही पार्टी सत्ता में आती है तो रवैया बदल जाता है. 

30 नवंबर तक स्वीकारे जाएंगे तारांकित प्रश्न

शीत सत्र के लिए विधायकों से 30 नवंबर तक तारांकित प्रश्न स्वीकारे जाएंगे. यह ऑनलाइन स्वीकारे जाते हैं. 29 दिसंबर तक सूची तैयारी की जाएगी. जारी परिपत्र में यह स्पष्ट किया गया है. जारी कार्यक्रम के अनुसार, 7 दिसंबर को अध्यादेश पटल पर रखे जाएंगे और वर्ष 2023-24 की पूरक मांगें सादर किये जाएंगे. 8 दिसंबर को शासकीय व अशासकीय कामकाज होगा.

9-10 दिसंबर को शनिवार-रविवार की छुट्टी रहेगी. 11 दिसंबर को अशासकीय कामकाज, पूरक मागों पर चर्चा व मतदान, 12 दिसंबर को शासकीय कामकाज, पूरक मांगों पर चर्चा व मतदान, पूरक विनियोजन विधेयक, 13 व 14 दिसंबर शासकीय कामकाज, 15 को शासकीय व अशासकीय कामकाज होगा. 16 व 17 दिसंबर को शनिवार व रविवार की छुट्टी होगी. उसके बाद 18, 19, 20 दिसंबर को शासकीय कामकाज होगा.