17.40 लाख बकाएदारों ने भरे बिजली बिल, 2100 करोड़ रुपए खजाने में हुए जमा

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    नाशिक: नई कृषि बिजली नीति 2020 को राज्य के ऊर्जा मंत्री डॉ. नितीन राऊत (Dr. Nitin Raut) की अपील को उत्तम प्रतिसाद मिल रहा है। पिछले एक साल में 17 लाख 40 हजार कृषि पंप (Agricultural Pump) बकायादार ग्राहकों ने 2100 करोड़ रुपयों का बिजली बिल (Electricity Bills) भर दिया है। एकत्र की गई राशि में से 1400 करोड़ रुपये कृषि पंप ग्राहकों के साथ गांव खेड़ों में बिजली के बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए उपयोग किए जा रहे हैं। मार्च 2014 के अंत में कृषि बिजली बिलों का बकाया 14,154 करोड़ रुपये था। पिछली सरकार के दौरान यह 40,195 करोड़ रुपये था। 

    अक्टूबर 2020 के अंत तक कुल 44 लाख 50 हजार ग्राहकों का 45 हजार 804 करोड़ रुपये बकाया था। कृषि पंप बिजली बिल बकाया होने के कारण 2018 से नए कृषि पंप बिजली कनेक्शन के लिए आवेदन लंबित हैं, लेकिन अब किसानों से बिजली बिलों की वसूली में वृद्धि के साथ ही कृषि पंपों के कनेक्शन के लिए बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए धन उपलब्ध कराया जा रहा है, जिससे किसानों को बड़ी राहत मिली है। 

    50% छूट के लिए मार्च 2022 है अंतिम तिथि

    किसानों को केंद्र बिंदु के रूप में ऊर्जा मंत्री डॉ. राऊत ने पहल की और एक नई कृषि ऊर्जा नीति और एक नई अपरंपरागत ऊर्जा नीति तैयार की। नई कृषि बिजली नीति में किसानों को बिजली कनेक्शन देने को प्राथमिकता दी गई है। अतः कृषि विद्युत नीति के अन्तर्गत कुल संशोधित बकाया 30,707 करोड़ रुपये तथा वर्तमान बिल बकाया 7,489 करोड़ रुपये है। नीति के अनुसार यदि ग्राहक मार्च 2022 तक संशोधित बकाया का 50%भुगतान करते हैं, तो शेष 50% माफ कर दिया जाएगा। अप्रैल 2023 और मार्च 2024 के बीच संशोधित बकाया पर 30% की छूट और अप्रैल 2024 और मार्च 2025 के बीच भुगतान किए जाने पर संशोधित बकाया पर 20% की छूट है। अब तक किसानों ने नई कृषि बिजली नीति के जवाब में 2100 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। इसमें से 1400 करोड़ रुपये का उपयोग ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली के बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए आकस्मिक निधि के रूप में किया जा रहा है।

    2015 के बाद के बकाया पर विलंब शुल्क माफ 

    विशेष रूप से आकस्मिक निधि का उपयोग ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली लाइनों और रोहित्रों के निर्माण के साथ-साथ स्थापित रोहित्रों की क्षमता निर्माण के लिए किया जाएगा। मेंटेनेंस और रिपेयर का काम भी तेजी से शुरू कर दिया गया है। इस फंड का उपयोग करते समय महावितरण मुख्यालय की अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी, लेकिन नया सब स्टेशन स्थापित करने के लिए मुख्यालय की तकनीकी और वित्तीय अनुमति की आवश्यकता होगी। इस योजना के तहत 2015 के बाद के बकाया पर विलंब शुल्क पूरी तरह से माफ कर दिया गया है, जबकि 2015 से पहले के बकाया पर विलंब शुल्क और ब्याज को शत-प्रतिशत माफ किया जा रहा है।

    सौर ऊर्जा से होगी बिजली आपूर्ति

    वसूली के लिए केवल मूल बकाया पर ही विचार किया जाता है। अंतिम बकाया उसी के अनुसार तय किया जा रहा है। किसानों को लो प्रेशर लाइन, हाई प्रेशर लाइन और सोलर कृषि पंप के जरिए बिजली कनेक्शन का विकल्प दिया गया है। नए और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के महत्व को ध्यान में रखते हुए गैर-पारंपरिक ऊर्जा नीति का लक्ष्य अगले 5 वर्षों में विभिन्न गैर-पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों से 17,360 मेगावाट बिजली उत्पन्न करना है। इससे किसानों को दिन में सौर ऊर्जा से बिजली की आपूर्ति की जाएगी।