Water Pipeline

    Loading

    नासिक : गंगापुर बांध (Gangapur Dam) से शिवाजी नगर जल शुद्धीकरण केंद्र (Water Purification Center) तक बिछाई गई सीमेंट की पाइप लाइन (Pipeline) लगातार लीकेज हो रही है। इसके चलते सही तरह से नागरिकों को जलापूर्ति नहीं हो रही है। इस समस्या को हल करने के लिए महानगरपालिका (Municipal Corporation) केंद्र सरकार (Central Government) के 15वें वित्त आयोग के निधि से 12.50 किलोमीटर लंबी और 1800 मिलीमीटर व्यास की लोहे की पाइप लाइन बिछाई जाएगी। 

    इसके लिए 211 करोड़ रुपए खर्च होने वाला है। योजना के तांत्रिक प्रस्ताव की जांच महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण द्वारा की जाएगी। शहर के 65 प्रतिशत क्षेत्र में गंगापुर बांध से जलापूर्ति की जाती है। गंगापुर बांध से पानी लाकर उसे जलवाहिनी द्वारा बारा बंगला जल शुद्धीकरण केंद्र तक लाया जाता है। यहां पर पानी को शुद्ध करने के बाद शहर की जल वाहिनी द्वारा जलकुंभ के माध्यम से हर एक मकान तक स्वच्छ जलापूर्ति की जाती है। इसके पहले 1997 में 12 किलोमीटर लंबी और 1200 मीटर व्यास की सीमेंट की पाइप लाइन बिछाई गई थी। परंतु दिन ब दिन बढ़ रही आबादी के चलते पानी का उपयोग बढ़ रहा है। 

    केंद्र सरकार के 15वें वित्त आयोग से मिलेगा निधि

    इसके चलते सीमेंट की पाइप लाइन लीकेज हो रही है। साथ ही सड़कों पर होने वाली खुदाई, नए वसाहत का निर्माण के चलते सीमेंट की पाइप लाइन की लगातार मरम्मत करनी पड़ रही है। परिणामस्वरूप नागरिकों को सही तरह से जलापूर्ति नहीं की जा रही है। इस समस्या को हल करने के लिए महानगरपालिका ने सीमेंट के बजाए लोहे की पाइप लाइन बिछाने का निर्णय लिया गया है। गंगापुर बांध से बारा बंगला जल शुद्धिकरण केंद्र के बीच 400 दशलक्ष लीटर क्षमता की 12.50 किलोमीटर लंबी और 1800 मिलीमीटर व्यास की नई लोहे की पाइप लाइन बिछाई जाएगी। इसके लिए केंद्र सरकार के 15वें वित्त आयोग से निधि प्राप्त होगा। इस कार्य में 211 करोड़ रुपए खर्च होगा, जिसमें 1.09 करोड़ रुपए का खर्च प्रकल्प व्यवस्थापन सलाहकार पर होगा, जिसका प्रस्ताव महासभा ने मंजूर किया है। अब महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण के माध्यम से तांत्रिक जांच की जाएगी। इसके लिए जीवन प्राधिकरण का 1.86 करोड़ रुपए शुल्क अदा किया जाएगा। 

    दिन ब दिन बढ़ रही आबादी का नियोजन

    नासिक महानगरपालिका के लिए 2041 तक पानी आरक्षण घोषित किया गया है। इसके अनुसार 2055 की आबादी को ध्यान में रखते हुए 1800 मिलीमीटर व्यास की लोहे की पाइप लाइन बिछाई जाने वाली है। लोहे की पाइप लाइन से पानी लीकेज का प्रतिशत कम होगा।