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    नासिक: जिले में दिन-प्रतिदिन आत्महत्याओं (Suicide) की संख्या बढ़ती जा रही है। प्रेम, व्यसनों, बीमारी की थकान और पारिवारिक झगड़ों के कारण सामाजिक स्वास्थ्य बिगड़ रहा है। ऐसे में आत्महत्या करने जैसे कदम लोग उठा रहे हैं। यह बात सामने आई है कि इसमें अधिक से अधिक युवक-युवतियां शामिल हैं। वहीं भागदौड़ भरी जिंदगी में बढ़ते मानसिक तनाव (Mental Stress) के कारण जनवरी से नवंबर 2022 तक नाशिक जिले में 343 आत्महत्याएं दर्ज की गईं। इन दिनों जिस तरह से जीवन में बदलाव आया है, वह व्यक्तिगत और सामाजिक स्वास्थ्य के बिगड़ने का कारण हो सकता है।

    पिछले कुछ दिनों में हुई आत्महत्या की घटनाओं में 14 से 30 वर्ष की आयु वर्ग के लड़कों और लड़कियों की संख्या अधिक है। यह आयु वर्ग शिक्षा, नौकरी, विवाह आदि का समय होता है। वर्तमान समय में बहुत से लोग नौकरी की तलाश में हैं, हकीकत यह है कि कई शादियां अनुकूल नहीं हैं। इन सबके कारण मानसिक तनाव बढ़ रहा है। इसके अलावा गंभीर बीमारी भी आत्महत्या का एक कारण हो सकती है। कई बार पारिवारिक कलह के चलते भी आत्महत्या के मामले सामने आए हैं। खासकर इस उम्र में प्यार की अवधारणा मन में घर कर जाती है, ऐसे में प्यार टूटने के कारण कुछ लोग आत्महत्या कर लेते हैं।

    चौंकाने वाले हैं आंकड़े

    26 जनवरी में 29, फरवरी में 44, मार्च में  37, अप्रैल में  45, मई में 48, जून में 47, जुलाई में  36, अगस्त में 28, सितंबर में 24, अक्टूबर में  26 तथा 16 दिसंबर तक नाशिक जिले में आत्महत्या करने वालों की संख्या 343 है। 

    जून में सबसे ज्यादा लोगों ने दी जान

    इस हिसाब से देखा जा रहा है कि जून के महीने में सबसे ज्यादा आत्महत्या हुईं। सामान्य तौर पर मानसिक बीमारियों में आत्महत्या और आत्महत्या के प्रयासों की दर अधिक होती है। पिछले दो वर्षों की अवधि में देखा जाए तो ब्रेक-अप, व्यसन, नौकरी की चिंता आदि कारणों से भी युवाओं में आत्महत्या की संख्या में वृद्धि हुई है। ऐसे में जरूरी है कि संबंधित व्यक्ति को मानसिक सहारा दिया जाए और साथ ही मनोचिकित्सक से सलाह लेना भी जरूरी है।