rooftop solar plan
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नासिक: मकान की छत पर सौर ऊर्जा (Solar Energy) निर्मिती पैनल्स बिठाकर निर्मित होने वाली बिजली (Electricity) का खुद उपयोग करने के बाद बची बिजली महावितरण (Mahavitaran) को बेचने की प्रक्रिया को ‘रूफटॉप सोलर’ योजना कहते हैं, जिसे उपभोक्ताओं का सकारात्मक प्रतिसाद मिल रहा है। इस योजना के तहत नासिक जिले (Nashik District) के 4 हजार उपभोक्ताओं ने फरवरी माह में 38 लाख 25 हजार यूनिट बिजली का उत्पादन किया। सौर ऊर्जा निर्मिती के लिए रूफटॉप सोलर योजना में उपभोक्ताओं को केंद्र सरकार से बड़े तौर पर निधि मिलती है। 

3 किलोवॉट तक क्षमता वाला पैनल बिठाने पर 1 लाख 20 हजार रुपए खर्च आता है। इसमें 48 हजार रुपए यानी कि 40 प्रतिशत निधि मिलती है। इसके चलते उपभोक्ताओं को केवल 72 हजार रुपए खर्च करने पड़ते हैं। सौर ऊर्जा से पैदा होने वाली बिजली को उपभोक्ता नियमित प्रयोग करता है। इसके चलते बिजली बिल कम आता है। उपभोक्ता के सौर पैनल से उसके उपयोग से अधिक बिजली निर्माण होने पर उसे महावितरण के ग्रीड में भेजा जाता है। इसके बदले में महावितरण कंपनी बिजली बिल में छूट देती है। कभी-कभी तो उपभोक्ताओं को जीरो बिजली बिल आता है। 

लोकप्रिय हो रही है योजना

सोलर पैनल बिठाने का खर्च 4-5 साल में वसूल हो जाता है। परंतु उसका उपयोग 25 साल तक किया जा सकता है। इसलिए यह योजना लोकप्रिय हो गई है। सौर ऊर्जा निर्मिती के लिए उपभोक्ताओं द्वारा 3 किलोवॉट से 10 किलोवॉट क्षमता तक पैनल्स बिठाने पर 20 प्रतिशत निधि मिलती है। घरेलू उपभोक्ताओं को यह सुविधा देना इस योजना का मुख्य उद्देश्य है। औद्योगिक उपभोक्ता रूफटॉप सोलर पद्धति से बिजली पैदा कर रहे हैं। सौर ऊर्जा पैदा करने के लिए पैनल बिठाने के इच्छुक उपभोक्ता महावितरण के महाडिस्कॉम डॉट इन और आई स्मार्ट वेबसाइट पर आवेदन कर सकते हैं। पैनल बिठाने वाली एजेंसी के साथ सभी प्रकार की मदद महावितरण करती है।

‘रूफटॉप सोलर’ योजना को लगातार उपभोक्ताओं का प्रतिसाद मिल रहा है। शहर के अधिकतर उपभोक्ता बिजली बिल से मुक्त हो गए हैं। सही मायने में पारंपरिक बिजली का उपयोग हो रहा है।

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