ajit pawar and sharad pawar

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-सुधीर जोशी

नासिक: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के स्थापना दिवस पर देश की राजधानी नई दिल्ली में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार (Sharad Pawar)  ने अपनी बेटी और एमपी सुप्रिया सुले (MP Supriya Sule) और प्रफुल्ल पटेल को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाने की घोषणा की थी, उसी दिन यह साफ हो गया था कि अजित पवार (Ajit Pawar) चुप नहीं बैठेंगे और 2 जुलाई को अजित पवार ने राजभवन में जाकर विधानसभा में विरोधी पक्ष नेता पद से इस्तीफा दिया और राज्य की शिंदे सरकार में उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली। जिस दिन सुप्रिया सुले को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था, उसी दिन नासिक एनसीपी (Nashik NCP ) में हलचल  बढ़ गई थी, उसी दिन से कहा जाने लगा था कि जिस तरह शिवसेना का उद्धव और शिंदे गुट में विभाजन हुआ था। कुछ वैसा ही नासिक में भी होगा। 

हालांकि अभी यह बात खुलकर सामने नहीं आई है कि कितने लोग अजित पवार के साथ हैं और कितने लोग शरद पवार के साथ जाएंगे। एनसीपी के विभाजन के बाद नासिक जिले में राजनीतिक समीकरण पूरी तरह से बदलने के आसार जरूर नज़र आने लगे हैं। जैसे-जैसे समय बीतेगा तस्वीर और साफ होती जाएगी। जिले के कुछ राजनीतिक जानकारों का दावा है कि अजित पवार के शिंदे सरकार में शामिल होने का असर 2024 के विधानसभा के चुनाव पर पड़ेगा, लेकिन जहां तक नासिक जिले में एनसीपी की स्थिति का सवाल है, वह भी प्रभावित होगी। 

 छगन भुजबल के शामिल होने का लाभ बीजेपी को मिलेगा

शिंदे सरकार में छगन भुजबल के शामिल होने का लाभ बीजेपी को अवश्य मिलेगा। 2024 में होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भुजबल के प्रभाव क्षेत्र वाले इलाकों में शिंदे सरकार की मजबूती बढ़ेगी और शरद पवार को इसका सीधा नुकसान उठाना पड़ेगा। कुछ जानकारों का कहना है कि एनसीपी के 9 नेताओं ने शिंदे का दामन थामने से महानगरपालिका चुनाव समेत सभी मुकाबलों पर सीधा असर दिखाई देगा, इसलिए आने वाली राजनीतिक जंग कैसी होगी, इसकी योजना बननी शुरू कर दी गई है। ये पूरी जंग पिछले चुनाव के मुकाबले बहुत भिन्न होगी। 

2024 के विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरु

2024 के विधानसभा चुनाव की तैयारियां तो पिछले कुछ माह से ही शुरु हो चुकी थी, उसमें अब बदलाव देखने को मिल सकता है। नांदगांव से सुहास कांदे के खिलाफ एनसीपी की ओर से पंकज या समीर भुजबल को खड़ा करने की गई थी, जबकि निफाड से एनसीपी के दिलीप बनकर बीजेपी के यतिन कदम को खड़ा करने की तैयारी की जा रही थी, लेकिन अब तस्वीर बदल सकती है। चांदवड से डॉ. राहुल आहेर या केदा आहेर में किसी एक को उम्मीदवारी देने पर विचार-विमर्श शुरू कर दिया गया था, लेकिन अब बदले हुए हालातों में चांदवड में प्रभाव रखने वाले अजित पवार समर्थित उम्मीदवार खड़ा किए जाने पर भी विचार हो सकता हैं।  इगतपुरी में खोसकर का महागठबंधन में शामिल होना तय माना जा रहा है, सिन्नर और देवलाली में गठबंधन में शामिल तीसरे दलों को नए समीकरण में छोड़ दिया गया है। छगन भुजबल के प्रभाव क्षेत्र में बीजेपी को कितना फायदा होगा, यह तो भविष्य ही बताएगा। 

इनके बीच हो सकता है मुकाबला

  • सिन्नर: माणिकराव कोकाटे- राजा वाजे
  • देवलाली: सरोज अहिरे- बबनराव घोलप या योगेश घोलप
  • नासिक (पूर्व): राहुल ढिकले- दत्ता गायकवाड
  • नासिक (मध्य): देवयानी फरांदे- वसंत गीते
  • नासिक (पश्चिम): सीमा हिरे- सुधाकर बडगुजर
  • दिंडोरी: नरहरि झिरवाल- रामदास चारोस्कर
  • कलवण: नितिन पवार- जे। पी। गावित
  • बागलाण: दिलीप बोरसे – दीपिका चव्हाण
  • चांदवड: राहुल आहेर- शिरीष कोतवाल मालेगांव (बाहरी)। दादा भुसे- अद्वय हिरे
  • नांदगांव: सुहास कांदे- गणेश धात्रक                                                
  • येवला: छगन भुजबल- माणिकराव शिंदे
  • निफाड: दिलीप बनकर- अनिल कदम
  • इगतपुरी: हिरामन खोसकर- निर्मला गावित
  • मालेगांव (मध्य):– मौलाना मुफ्ती-आसिफ शेख

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो 9 वर्षों में देश और दुनिया में जो अपना स्थान बनाया है, उसी का एक हिस्सा महाराष्ट्र की राजनीति में बदलाव है। बीजेपी अपने साथ आई हर पार्टी का स्वागत करती है। एनसीपी का हमारे साथ सत्ता में आना राज्य के लिए लाभदायक होगा। केंद्र सरकार भी इससे खुश हैं।

-गिरीष पालवे, महानगर बीजेपी अध्यक्ष

शिवसेना और बीजेपी सरकार को हम डबल इंजन की सरकार कहते थे, अब एनसीपी के आने से हमारो ट्रिपल इंजन की सरकार को गई है। यह बीजेपी और शिंदे शिवसेना की बड़ी सफलता है।

- सीमा हिरे, बीजेपी विधायक नासिक पश्चिम

अजित पवार एनसीपी में ही हैं और रहेंगे, वो केवल सरकार का हिस्सा बने हैं। इस बात से एनसीपी का कोई पदाधिकारी नाराज नहीं है। कई तरह की अफवाहें फैल रही हैं, लेकिन अब पार्टी जो पॉलिसी बनाएगी, उसके अनुसार सभी काम करेंगे। अजित पवार ने किसी को छोड़ा नहीं है, बल्कि एनसीपी को सरकार में शामिल किया है।

-आसिफ शेख, पूर्व विधायक, एनसीपी, मालेगांव