City colleges open after school, students with complete vaccinations are allowed

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    नाशिक. आठवीं से बारहवीं तक के स्कूल (School) खुलने के बाद अब बुधवार 20 अक्टूबर से राज्य भर में कॉलेज (College) के दरवाजे भी खोल दिए गए हैं। राज्य (State) के कई भागों में इसकी तैयारियां पिछले कुछ दिनों से चल रही थीं। लेकिन विद्यार्थियों के लिए एक शर्त रखी गई है। जिन विद्यार्थियों (Students) ने वैक्सीन की दोनों डोज ली हुई है उन्हें क्लास में बैठने की अनुमति दी गई है। व

    हीं कॉलेजों द्वारा सर्वे किए जाने के बाद पता चला है कि सिर्फ 20 फीसदी विद्यार्थियों ने ही अब तक वैक्सीन की दोनों डोज ली हुई है। तो कॉलेज क्या सिर्फ इन 20 फीसदी विद्यार्थियों के लिए खोले जा रहे हैं?  80 फीसदी विद्यार्थियों के लिए क्या सोचा जा रहा है? खैर, इन बातों को नजरंदाज कर कॉलेज को विद्यार्थियों के स्वागत में चकाचक चमकाया गया है। सैनिटाइजेशन का काम नाशिक शहर के हर कॉलेज में किया गया है। डेढ़ सालों से भी अधिक समय से बंद पड़े कॉलेजों की सफाई अच्छी तरह पूरी करके पहले की तरह बना दिया गया है। छात्र कॉलेज के कमरों में पहुंचते की खुश दिखाई दिए।

    दोनों डोज ले चुके छात्र ही आए कॉलेज 

    नाशिक शहर और आस पास के इलाकों में आठवीं से बारहवीं तक की पढ़ाई ऑनलाइन के साथ ऑफलाइन माध्यम से भी शुरू है। इन्हीं विद्यार्थियों के अनुभवों के आधार पर शिक्षा विभाग और पुणे विश्वविद्यालय की ओर से अब कॉलेजों में भी क्लासेस शुरू करने का आदेश दिया गया है। इसके लिए कई दिनों से तैयारियां की जा रही थीं। कॉलेज में आने वाले सभी विद्यार्थियों की टेस्टिंग, फीवर की जांच, चेहरे पर मास्क, सैनिटाइजिंग और सोशल डिस्टेंसिंग जैसे नियमों का पालन सख्ती से करवाए जाने का कॉलेज प्रशासन को आदेश दिया गया है। इन सभी उपायों के साथ वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके विद्यार्थियों को क्लास करने की इजाजत दी गई है।

    सिर्फ 20 फीसदी विद्यार्थियों का ही हुआ है पूर्ण टीकाकरण

    राज्य सरकार की अनुमती पर कॉलेज शुरु कर दिए गए है। नाशिक के कॉलेजों में नियम अनुसार दोनों डोज लेने वाले छात्रों को ही कॉलेज में आने की अनुमती दी गई। एक सर्वे के अनुसार शहर और जिले में केवल 20 फीसदी विद्यार्थियों का ही कंप्लीट वैक्सीनेशन हुआ है। कुल 50 फीसदी विद्यार्थियों ने सिर्फ वैक्सीन की एक डोज ही ली हुई है। 30 फीसदी विद्यार्थियों ने तो वैक्सीन की एक डोज भी नहीं ली है। यही वजह है कि ज्यादातर कॉलेज प्रशासन ने यह फैसला किया है कि क्लासेस फिलहाल ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही तरीके से जारी रखी जाएंगी। कॉलेज की कैंटीन फिलहाल बंद ही रहेंगी। सवाल यहां यह खड़ा हो रहा है कि 18 साल से कम उम्र के विद्यार्थियों का वैक्सीनेशन तो अभी शुरू भी नहीं हुआ है, लेकिन आठवीं से बारहवीं तक के स्कूल खोले जा चुके हैं। ऐसे में 18 से अधिक उम्र के कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए वैक्सीन की दोनों डोज लेने की शर्त क्यों रखी जा रही है? फिलहाल कॉलेज खुल गए हैं लेकिन सवाल अपनी जगह कायम है।