समिति करेगी विद्यार्थियों के गणवेश की जांच, नाशिक महानगरपालिका शिक्षण समिति ने लिया निर्णय

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    नाशिक: नाशिक महानगरपालिका (Nashik Municipal Corporation)  स्कूलों (Schools) में शिक्षा (Education) लेने वाले विद्यार्थियों (Students) को दिए जाने वाले गणवेश की गुणवत्ता की जांच समिति करेगी। विद्यार्थियों के गणवेश (Uniforms) का अलग-अलग रंग और तरीका खत्म कर सभी विद्यार्थियों को ड्रेस कोड देने का निर्णय नाशिक महानगरपालका शिक्षण समिति ने लिया है। महानगरपालिका के 96 से अधिक स्कूल हैं, जिसमें 27 हजार विद्यार्थी शिक्षा ले रहे हैं। 

    अनुसूचित जाति और जनजाति के विद्यार्थियों को समग्र शिक्षा अभियान के अंतर्गत वर्ष में दो गणवेश दिए जाते हैं। एक गणवेश के लिए 300 रुपए अभिभावकों के बैंक खाते में जमा किए जा रहे थे। परंतु अभिभावकों के उन पैसों से गणवेश नहीं लेने के कारण शालेय व्यवस्थापन समिति द्वारा गणवेश दिए जा रहे हैं। पिछले साल कोरोना के चलते लॉकडाउन होने से स्कूल बंद थे। इसके चलते विद्यार्थियों को गणवेश नहीं दिए गए। इस साल पहला सत्र स्कूल के बिना ही गुजरा। अब दूसरे सत्र में स्कूल शुरू होने की संभावना है। इसलिए विद्यार्थियों को एक गणवेश दिया जाएगा। 

    प्रत्येक गणवेश के लिए 300 रुपए दिए जाएंगे

    प्रत्येक गणवेश के लिए 300 रुपए दिए जाएंगे। शालेय व्यवस्थापन समिति द्वारा गणवेश का कपड़ा वितरित करते समय कुछ जगह पर निकृष्ट कपड़ा देने की बात सामने आई है। साथ ही स्कूल निहाय गणवेश का रंग अलग-अलग होने से महानगरपालिका स्कूलों के विद्यार्थियों को पहचानना मुश्किल हो रहा है। इसलिए अब विद्यार्थियों को दूसरे सत्र में गणवेश का वितरण करते समय गुणवत्ता जांच करने का निर्णय शिक्षण समिति ने लिया है।

    खुले प्रवर्ग के विद्यार्थियों को मिलेगा ड्रेस

    अनुसूचित जाति, जनजाति के विद्यार्थियों के साथ खुले और अन्य मागासवर्गीय प्रवर्ग के विद्यार्थियों को भी नि:शुल्क शालेय गणवेश मिले, ऐसी मांग नगरसेवक दिनकर पाटिल ने करते हुए प्रस्ताव पेश किया था। विद्यार्थियों में भेद निर्माण न हो, इसलिए महानगरपालिका खुद से गणवेश दे, ऐसी मांग भी की गई थी, जिसे प्रतिसाद देते हुए महानगरपालिका स्कूल के खुले और अन्य मागासवर्ग संवर्ग के विद्यार्थियों को महानगरपालिका के खर्च से नि:शुल्क शालेय गणवेश मिल रहे हैं। अब इन विद्यार्थियों के गणवेश के कपड़े की गुणवत्ता की जांच की जाएगी।

    नाशिक महानगरपालिका के सभी विद्यार्थियों का गणवेश एक जैसा दिखे, इसलिए समिति ने ड्रेस कोड निश्चित किया है।

    - संगीता गायकवाड़, सभापति, शिक्षण समिति, नाशिक महानगरपालिका