Ghantagadi SATPUR

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नासिक: शहर में ठोस कचरा संग्रहण के लिए नासिक महानगरपालिका प्रशासन (Nashik Municipal Administration) की ओर से घंटागाड़ी (Ghanta Gadi) की व्यवस्था की गई है। नए दिए गए ठेके के अनुसार, घंटागाड़ी की कार्यप्रणाली की जांच के लिए चार अधिकारियों की एक विशेष कमेटी (Special Committee) बनाई गई है।  गीले और सूखे कचरे को अलग न करने के अलावा कचरा संग्रहण के लिए छोटी घंटा गाड़ियां काम पर लगाई गई हैं। प्रभारी महानगरपालिका कमिश्नर राधाकृष्ण गमे को घंटागाड़ी के संबंध में बड़ी संख्या में शिकायतें प्राप्त हुईं हैं। 

सातपुर और पंचवटी क्षेत्र से ज्यादा शिकायतें मिली हैं। लोगों की ओर से जो शिकायतें की गई उनमें घंटागाड़ियों की आने का समय निर्धारित न होने, निर्धारित मार्ग पर घंटागाड़ी का न चलना, ट्रेनों में जीपीएस न लगाना आदि शामिल हैं। पंचवटी और सातपुर संभाग में छह सौ किलो क्षमता वाली घंटागाड़ी को उपयोग में लाया जा रहा है।  नियमानुसार घंटागाड़ी में अगर ढाई टन कचरा न लाया जाए तो प्रतिदिन 10 हजार जुर्माना लगाया जाने का नियम है।

वाहनों में जीपीएस नहीं होने पर लगेगा जुर्माना 

जीपीएस न होने पर ठेकेदारों से प्रतिदिन एक हजार रुपए जुर्माना वसूलने का भी नियम इसके तहत बनाया गया है, लेकिन ठोस कचरा प्रबंधन विभाग की ओर से नियमों का उल्लंघन किए जाने पर भी उनकी अनदेखी की जा रही हैं।  कुछ माह पहले रुपए का भुगतान किया, लेकिन यह तथ्य कि उन भुगतानों का तुरंत भुगतान किया गया था, संदेह पैदा करता हैं। कुल शिकायतों के अनुसार घंटागाड़ी की कार्यप्रणाली की जांच के लिए कमिश्नर गमे ने चार अधिकारियों की समिति का गठन किया हैं।

ये अधिकारी करेंगे जांच

वित्त एवं लेखा अधिकारी नरेंद्र महाजन, यांत्रिक विभाग के अधीक्षण अभियंता उदय धर्माधिकारी, कार्यपालक अभियंता बाजीराव माली और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन निदेशक डॉ. कल्पना कुटे को जांच कार्य में लगाया गया है।