
नासिक: हत्या, हत्या का प्रयास करने के मामले में अपराधी और सुनील वाघ हत्या मामले में सजा काट रहे अपराधी व्यंकटेश मोरे उपचार के नाम पर नाशिक जिला सरकारी अस्पताल में आराम कर रहे हैं। मध्यवर्ती कारागृह में मोरे को पेट में दर्द और गॅस्ट्रो जनित बीमारी के चलते जिला सरकारी अस्पताल में उपचार के लिए दाखिल किया गया है। शहर के पंचवटी और अशोक स्तंभ परिसर का अपराधी व्यंकटेश मोरे को जुलाई 2023 में पंचवटी के भेल विक्रेता सुनील वाघ हत्या मामले में दोषी करार देते हुए 7 वर्ष की सज़ा सुनाई गई।
पिछले दो माह से मोरे नासिक रोड मध्यवर्ती कारागृह में सजा काट रहा था। इसके अलावा मोरे के खिलाफ गुणाजी जाधव और किशोर नागरे की हत्या का मामला दर्ज है। मोरे को नासिक जिला सरकारी अस्पताल में उपचार के लिए दाखिल किया गया है। परंतु मध्यवर्ती कारागृह में वैद्यकीय सुविधा होने के बाद भी उसे जिला सरकारी अस्पताल में दाखिल किया गया है।
कुछ माह पहले मोरे का अखिल भारतीय मराठा महासंघ के युवा जिला अध्यक्ष पद पर चयन हुआ है। उपचार के नाम पर ‘आराम’ मध्यवर्ती कारागृह के सजायाप्ता कैदियों को आसानी से जिला सरकारी अस्पताल में उपचार के लिए दाखिल नहीं किया जाता है। परंतु राजनीतिक पृष्ठभूमि होने के नाते अपराधियों को बेधड़क एक-एक माह तक जिला सरकारी अस्पताल के विशेष वार्ड में उपचार के नाम पर दाखिल किया जाता है।
इसके पीछे बड़े तौर पर आर्थिक लेन-देन होता है। कुछ माह पहले मंडलिक हत्या मामले का भूमाफिया रम्मी राजपूत एक माह तक जिला सरकारी अस्पताल में ‘आराम’ के लिए उपचार के नाम पर दाखिल था। इसी तरह मुंबई का अपराधी पिंकी शर्मा भी उपचार के नाम पर दाखिल था। भेल विक्रेता सुनील वाघ हत्या मामले में सजा पाने वाला और सिडको के गोलीबारी में घायल राकेश कोष्टी पिछले माह जिला सरकारी अस्पताल में उपचार के नाम पर आराम कर रहा था।
आर्थिक लेन-देन के माध्यम से मध्यवर्ती कारागृह से जिला सरकारी अस्पताल में दाखिल होने के लिए बड़ी श्रृंखला है। इसमें कारागार प्रशासन, शहर पुलिस और जिला सरकारी अस्पताल के कुछ व्यक्तियों में आर्थिक लेन-देन शुरू है। विशेष यह है कि राजनीतिक दल से संबंधित अपराधियों को जिला सरकारी अस्पताल में दाखिल करने के लिए राजनीतिक नेताओं का भी उपयोग किया जाता है। इसके चलते गंभीर मामलों के अपराधी जिला सरकारी अस्पताल में उपचार के नाम पर आराम कर रहे है। कारागृह में होने वाली असुविधा से उन्हें राहत मिलती है। क्योंकि जिला अस्पताल में ऐसे मरीजों को वीआईपी सुविधा उपलब्ध की जाती है। राजनीतिक नेता और पैसे के दम पर अपराधी जिला सरकारी अस्पताल में आराम कर रहे है।