बेहद चरमराई हुई है धुलिया की स्वास्थ्य व्यवस्था, प्रशासन नहीं दे रहा ध्यान

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    धुलिया : हायर मेडिकल कॉलेज (Higher Medical College) से संबद्ध जिला अस्पताल, सर्वोपचार अस्पताल में जर्जर स्वास्थ्य व्यवस्था के कारण स्वास्थ्य समस्याएं हो रही हैं और इसका असर हमारे मरीजों (Patients) पर पड़ रहा है। तकनीकी कारणों से जिले में वर्षों से स्वास्थ्य व्यवस्था (Health System) चरमरा गई है और इस संबंध में शिवसेना (Shiv Sena) के प्रतिनिधिमंडल ने आज केंद्रीय स्वास्थ्य समिति के सदस्यों से मुलाकात कर स्वास्थ्य समस्याओं के समाधान की भावनात्मक अपील की। जिले में शिवसेना की ओर से केंद्रीय समिति (Central Committee) को दिए गए एक ज्ञापन में धुलिया की स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति सुधारने की मांग की गई है। 

    हायर मेडिकल कॉलेज की स्थापना वर्ष 1988 में हुई थी, पिछले 34 वर्ष से इस अस्पताल की समस्या जस की तस है। संभाजीनगर में घाटी मेडिकल कॉलेज और घाटी अस्पताल को सुपर स्पेशियलिटी अस्पतालों का दर्जा दिया गया। इस पृष्ठभूमि में यहां के मेडिकल कॉलेज और सर्वोपचार अस्पताल को सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल का दर्जा दिए जाने की मांग की गई है। यहां के मेडिकल कॉलेज में स्थाई कुलाधिपति की नियुक्ति किए जाने की मांग भी ज्ञापन में की गई है। वर्तमान में पदाधिकारी डॉ. उस पद पर कार्यवाहक अधीक्षक अरुण मोरे को नियुक्त करने की मांग भी ज्ञापन में की गई है। एमआरआई मशीनें उपलब्ध कराई जाएं, सिटी स्कैन मशीनें कई सालों से धूल में पड़ी हैं और यही हाल सोनोग्राफी केंद्रों का है। इसके लिए मेडिसिन/न्यूरो सर्जन, ब्रेन डिसऑर्डर स्पेशलिस्ट की स्थाई नियुक्ति करने की मांग भी ज्ञापन में की गई है। 

    700 बिस्तरों वाले सामान्य अस्पताल को मंजूरी दी गई

    ज्ञापन में कहा गया है कि चूंकि डॉक्टरों की संख्या बहुत कम है और उन्हें नंदुरबार और जलगांव में स्थानांतरित कर दिया गया है। डॉक्टरों की कमी के कारण रोगी देखभाल के साथ अन्याय बंद होना चाहिए। 700 बिस्तरों वाले सामान्य अस्पताल को मंजूरी दी गई है और वर्तमान में 500 बिस्तरों वाला अस्पताल चल रहा है और चूंकि चौथे वार्ड के कर्मचारियों की भर्ती नहीं की गई है, इसलिए सफाई का बोझ हटा दिया गया है, इसलिए चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों, वर्ग 3 कर्मचारियों की तत्काल भर्ती की जानी चाहिए। सर्वोपचार अस्पताल के वशल भवन को विभिन्न रोगी विभागों के लिए बुनियादी ढांचे में परिवर्तित किया जाना चाहिए और शौचालय, वॉश बेसिन के कार्यों के लिए धन उपलब्ध कराया जाना चाहिए। 

    सभी सुविधाएं देने की मांग भी ज्ञापन के माध्यम से की गई

    सर्वोपचार अस्पताल में भर्ती मरीजों और उनके परिजनों के लिए खाना नहीं है किया जाना चाहिए इस डाइनिंग हॉल के साथ ही विश्राम गृह का निर्माण करने की मांग भी ज्ञापन में की गई है। यहां के मेडिकल कॉलेज और सर्वोपचार अस्पताल में डेडरगाव झील के माध्यम से एक स्वतंत्र जलापूर्ति योजना संचालित की जानी चाहिए। सर्वोपचार अस्पताल के सभी विभागों में दवाओं, चिकित्सा आपूर्ति और अन्य यांत्रिक सामग्री की समय पर उपलब्धता सुनिश्चित करें। पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट और जनरल पेशेंट इंटेंसिव केयर यूनिट में बेड की संख्या बढ़ाई जाए और वहां सभी सुविधाएं देने की मांग भी ज्ञापन के माध्यम से की गई है। जिला अस्पताल (पुराना सिविल अस्पताल) में केवल स्त्री रोग विभाग कार्य कर रहा इसलिए यहां सामान्य ओपीडी, दुर्घटना विभाग, सर्जरी विभाग शुरू करने की मांग भी ज्ञापन में की गई है। जिला अस्पताल (पुराना सिविल अस्पताल) में नए रोगी वार्ड भवन का निर्माण कार्य प्रगति पर है और इसके इंजीनियरिंग पहलुओं में कई कमियां हैं, उसे दूर करने की मांग भी ज्ञापन के माध्यम से की गई है।   

    जिला अस्पताल (पुराना सिविल अस्पताल) में सभी विभागों में प्रख्यात डॉक्टरों की नियुक्ति करने के साथ-साथ सामान्य रोगी (सामान्य ओपीडी विभाग) को स्थायी आधार पर शुरू करने की मांग भी ज्ञापन के माध्यम से की गई है। ज्ञापन अर्पित करते समय मुख्य संपर्क अधिकारी महेश मिस्त्री, शिवसेना जिला अध्यक्ष अतुल सोनवणे, उप जिला प्रमुख किरण जोंधले, जिला संयोजक भगवान करनकाल, प्रो. शरद पाटिल, मेयर धीरज पाटिल, डॉ. सुशील महाजन, नगर समन्वयक राजेश पटवारी, देवीदास लोणारी, विधानसभा समन्वयक ललित माली, गुलाब माली, भरत मोरे, उप महानगर प्रमुख प्रवीण साल्वे, विलास जगताप, छोटू माली, कैलास मराठे, गुलाब धोबी, मुन्नाभाई पठान लक्ष्मण बोरसे आदि उपस्थित थे।