सव्वा चार लाख संपत्ति के बाद भी नासिक में दो लाख नल कनेक्शन

    Loading

    नासिक : शहर में सव्वा चार लाख संपत्ति संख्या होने के बाद भी नल कनेक्शन (Tap Connection) धारकों की संख्या दो लाख है। इसलिए शहर में 10 हजार से अधिक अनधिकृत नल कनेक्शन (Unauthorized Tap Connection) होने की संभावना व्यक्त की जा रही थी, जिसे गंभीरता से लेते हुए महानगरपालिका प्रशासन (Municipal Administration) ने अनधिकृत नल कनेक्शन तोड़ने के लिए जांच अभियान शुरू करने का निर्णय लिया है। 

    नासिक महानगरपालिका की टैक्स वसूली कम होने के बाद आय के नए स्रोत खोजे जा रहे है। इसके पहले बकायेदारों से वसूली करने के लिए अभियान शुरू किया गया है। संपत्ति टैक्स में बढ़ोतरी करते समय जल टैक्स वसूली की ओर भी महानगरपालिका का जलापूर्ति विभाग ध्यान दे रहा है। जल टैक्स के बिल उपभोक्ताओं को समय पर न मिलने की बात सामने आई है। साथ ही शहर में सव्वा चार लाख संपत्ति होने के बाद भी नल कनेक्शन उपभोक्ताओं की संख्या 2 लाख है। इसके चलते अनधिकृत नल कनेक्शन धारकों की संख्या 10 हजार से अधिक होने की संभावना है, जिसकी खोज करने के लिए जांच अभियान कार्यान्वित करने का निर्णय महानगरपालिका प्रशासन ने लिया है। अनधिकृत नल कनेक्शन के पीछे प्लंबर होने की बात की जा रही है। 

    जलापूर्ति विभाग से नल कनेक्शन दिए जाते है, लेकिन जल बिल का विवरण टैक्स विभाग द्वारा किया जाता है। दोनों विभाग में समन्वय न होने से अनधिकृत नल कनेक्शन धारकों की संख्या बढ़ गई है। इस पार्श्वभूमी पर टैक्स वसूली विभाग और जलापूर्ति विभाग के संयुक्त तत्वावधान में अनधिकृत नल कनेक्शन जांच अभियान शुरू करने का निर्णय लिया गया है। यह जानकारी जलापूर्ति विभाग के अधीक्षक अभियंता शिवाजी चव्हाण ने दी। 

    इस प्रकार है अवैध नल कनेक्शन

    महानगरपालिका के दस्तावेज में 2 लाख 2 हजार 626 नल कनेक्शन पंजीकृत है, जिसमें सर्वाधिक नल कनेक्शन सिडको विभाग में है, जिसका आंकड़ा 55 हजार 650 है। तो सबसे कम नल कनेक्शन नासिक पश्चिम विभाग में है, जिसका आंकड़ा 10 हजार 702 है। पंचवटी में 42 हजार 988, नासिकरोड विभाग में 33 हजार 345, सातपुर विभाग में 30 हजार 309, नासिक पूर्व विभाग में 29 हजार 732 नल कनेक्शन है।