कर्तव्य निभाते राजनीतिक दबाव में न आएं, उप मुख्यमंत्री अजीत ने दी नए पुलिस अधिकारियों को सलाह

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    नाशिक: पुलिस अधिकारियों (New Police Officers) को अपने कर्तव्यों का पालन करते समय किसी भी राजनीतिक दबाव (Political Pressure) के आगे नहीं झुकना चाहिए। गृह विभाग को मजबूत करने के लिए कोई समझौता नहीं किया जाएगा। यह बात उप मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री अजीत पवार (Ajit Pawar) ने कही। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में पुलिस आवासों के लिए 737 करोड़ रुपए का बजट तय किया गया है। 

    अजीत पवार ने कहा कि इस वर्ष के बजट में 802 करोड़ रुपए के प्रावधान के साथ पुलिस बल के सशक्तिकरण के लिए कुल 1,029 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार पुलिस विभाग को सुविधा देने और विभाग की प्रगति के लिए हर संभव मदद के लिए कटिबद्ध है।

    कई वरिष्ठ नेता और अधिकारी रहे उपस्थित    

    अजीत पवार नाशिक में महाराष्ट्र पुलिस अकादमी के 119वें सत्र के दीक्षांत समारोह में बोल रहे थे। इस अवसर पर खाद्य, नागरिक आपूर्ति, उपभोक्ता सुरक्षा राज्य मंत्री छगन भुजबल, गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटिल, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (प्रशिक्षण एवं विशेष दस्ते) संजय कुमार, पुलिस अकादमी के निदेशक राजेश कुमार, डिविजनल कमिश्नर राधाकृष्ण गमे, नाशिक रेंज के विशेष पुलिस महानिरीक्षक बी. जी. शेखर, पुलिस कमिश्नर जयंत नायकनवरे, जिलाधिकारी गंगाथरन डी, जिला परिषद की सीईओ लीना बनसोड़, जिला पुलिस अधीक्षक सचिन पाटिल भी उपस्थित थे।

    87 थानों की इमारत का निर्माण कार्य शुरू

     अजीत पवार ने कहा कि पुलिस बल में 7 हजार, 231 पद भरे जाएंगे और समय-समय पर पदोन्नति इस तरह से डिजाइन की गई है कि चपरासी के रूप में भर्ती होने वाला कर्मचारी 30 साल में सेवानिवृत्त होने तक निश्चित रूप से सब-इंस्पेक्टर बन जाएगा। प्रदेश के पुराने थानों की इमारतों की मरम्मत और जीर्णोद्धार का भी निर्णय लिया गया है। इनमें से 87 थानों की इमारत का निर्माण कार्य शुरू भी हो चुका है। महिला पुलिस की दैनिक ड्यूटी का समय बढ़ाकर 8 घंटे करने का निर्णय लिया गया है। उप मुख्यमंत्री पवार ने कहा कि आने वाले समय में राज्य में पुलिस के लिए 1 लाख घरों का निर्माण किया जाएगा। 

    हनुमान चालीसा पढ़ने पर जबरदस्ती क्यों: अजीत पवार

    हर व्यक्ति की अपनी-अपनी श्रद्धा होती है। उसे किसी दूसरे पर नहीं थोपा जाना चाहिए। हनुमान चालीसा कहां पढ़ना है, कब पढ़ना है और किसे पढ़ना है, यह तो पढ़ने वाले को तय करना होता है। अमरावती के सांसद और विधायक द्वारा मुंबई में एक राजनीतिक दल के नेता के घर के सामने हनुमान चालीसा पढ़ने पर जोर देना ठीक नहीं है, ऐसी जबर्दस्ती क्यों की जा रही है। यह बात गले से नीचे उतरने जैसी नहीं है। ऐसी बात उप मुख्यमंत्री ने कही। उप मुख्यमंत्री ने नवनीत राणा और उनके पति रवि राणा की नीयत पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि मुंबई में अमरावती के विधायकों और सांसदों ने हनुमान चालीसा पढ़ने का फैसला किया। लोकतंत्र सबको अधिकार देता है, यहां कानून और व्यवस्था का सवाल नहीं होना चाहिए। उप मुख्यमंत्री अजीत पवार ने कहा कि विरोधियों का मानना है कि पुलिस सिर्फ सत्ता वालों की ही सुनती है। जब हम विपक्ष में थे तो हमें भी ऐसा ही लगता था। केंद्र हो या राज्य, सभी को सुरक्षा की जरूरत है। किसी पर हमला मत करो। मातोश्री को लेकर शिवसैनिकों की गहरी भावनाएं हैं। यही भावना हर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं पर लागू होती है, सब कह रहे थे कि वहां जाना ठीक नहीं है।