Farmers lost lakhs due to theft in farm barn, police engaged in investigation

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    फैजपुर : न्हावी तहसील (Nhavi Tehsil) के यावल परिसर में खेत- खलिहान में चोरियां और नुकसान होने का सिलसिला लगातार जारी है। न्हावी के किसान (Farmer) महेंद्र पाटिल, जनार्दन झोपे, जयंत भगवत तलेले, एल। के। चौधरी, सतीश टीकाराम तलेले के केले के बाग में केले का धड़ (Banana Trunk) चोरी (Theft) होने से पांच किसानों को लाखों का रुपए का नुकसान सहन करना पड़ा है। बताया जा रहा है कि ये किसान जब सुबह खेत में गए तो उन्हें केले के घड़ चोरी होने की जानकारी मिली है। 

    फसल संरक्षण संस्था के चेयरमैन रवींद्र कोलते के खेत में 25 हजार का ठिबक कुआं बनाया गया है। परिसर के खेत-खलिहान में चोरियां और फसलों का नुकसान होना हर दिन की बात हो गई है।  पिछले कुछ दिनों से खेत सामज्ञियों की चोरी का मामले और ज्यादा बढ़ गए हैं। रोझोदा, चिनावल परिसर में लगातार चोरियां और नुकसान होने का क्रम लगातार जारी है। खेतों में होने वाली चोरियों और कृषि सामग्रियों के नुकसान को रोकने के लिए ठोस कार्रवाई करने की मांग को लेकर किसानों को रास्ते पर उतरना पड़ा। लोकप्रतिनिधि और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को गांव स्तर पर बैठक का आयोजन करना पड़ा, फिर भी उसका कोई उपयोग नहीं हुआ, ऐसा प्रतीत हो रहा है।

    महेंद्र पाटिल, जनार्दन झोपे, जयंत तलेले के खेत की में लगे केले के धड़ काटकर ले जाने से भार नुकसान सहन करना पड़ा है। तीन चार दिन पहले चेयरमैन ने खेत के ठिबक कुएं बने हुए दिखाई दिए। इस प्रकरण में फैजपुर पुलिस स्टेशन के सहायक पुलिस निरीक्षक सिद्धार्थ  अजगांवकर ने घटनास्थल पर जाकर पड़ताल की, उनके मार्गदर्शन में  देवीदास सूरदास महेंद्र महाजन और राजेश बऱ्हाटे जांच कर रहे हैं। खेत- खलिहान की सामग्रियों की चोरी और फसलों का नुकसान किया रहा है। बकरियां  और अन्य पशुओं की वजह से किसानों को हर वर्ष नुकसान सहन करना पड़ता है। काम करने वाले लोगों की कमी के कारण फैजपुर पुलिस थानान्तर्गत 28 गांव आते हैं तो पुलिस कर्मचारियों की संख्या पहले जितनी ही है, उनमें  कुछ कर्मचारी कार्यालयीन कामकाज में व्यस्त रहते हैं, इस वजह से गश्त हो फिर अपराधों की जांच के लिए पुलिस कम पड़ती है। पुलिस विभाग में कर्मचारियों की कमी यह स्थायी समस्या बन गई है, इसलिए पुलिस विभाग में कर्मचारियों की संख्या बढ़ाना बहुत जरूरी है। बार-बार मांग करने के बाद भी  पुलिस विभाग में कर्मचारियों की संख्या में वृद्धि नहीं की जा रही है।