नाशिक: जिले में दावानल की घटनाओं का दौर लगातार जारी है। रामशेज, ब्रम्हगिरी, मायना के बाद अब मातोरी क्षेत्र के गायरान वन क्षेत्र के अंतर्गत मखमलाबाद-मातोरी क्षेत्र के सुला-डोंगर (Sula-Dongar) पश्चिम-दक्षिण के वन क्षेत्र (Forest Area) में आग (Fire) लगने की जानकारी मिली है। आग लगने की जानकारी मिलते ही शिवकार्य गडकोट संवर्धन संस्था के संस्थापक राम खुर्दल के अलावा भारत पिंगले, शिवाजी धोंडगे, प्रदीप पिंगले, विकास काकड, जितेंद्र साठे, वृक्षवल्ली के आशीष प्रजापति, वेदांत पटेल ने जान की परवाह न करते हुए उक्त आग को बुझाई।
आग के वन में फैलने से पहले ही उसे बुझाने में मिली सफलता के कारण वन में लगे औषधियों के वृक्ष सुरक्षित बच गए हैं। नाशिक जिले में पहाड़ियों पर वनों की कटाई पहाड़ियों पर वन क्षेत्रों, वन्य जीव अभ्यारण्य और गडकोट भूमि में जारी है।
पाया गया आग पर नियंत्रण
नाशिक की शिवकार्य गडकोट संरक्षण समिति, वृक्षवल्ली फाउंडेशन, पर्यावरण संस्था के अधीक्षक सचिन पाटिल ने बताया कि आग पर बीती रात 3 बजे तक काबू पा लिया गया। इसके बाद वन विभाग को जानकारी दी गई कि आग बुझा दी गई है। कागजों पर वन प्रबंधन समितियों को वनों की कटाई को नियंत्रित करने, उपकरण उपलब्ध कराने, सर्दियों से पहले वन प्रवण वनों में चिमनियों की स्थापना, स्थायी वन विविधता के लिए प्रशिक्षित किया जाना चाहिए। शिवकार्य गडकोट कंजर्वेशन सोसाइटी के राम खुर्दल ने बताया कि वन्यजीव, पक्षी, पर्यावरण, स्थलीय जानवरों की रक्षा की जानी चाहिए।