Court's judgement in Maharashtra, sentenced chain snatcher to 19 months 29 days in jail
प्रतीकात्मक तस्वीर

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    नाशिक : अब चोरों (Thieves) ने रिक्षा और शहर बस से यात्रा करने वाली महिलाओं को अपना निशाना बनाया है। पिछले साढ़े तीन महीने में विभिन्न पुलिस स्टेशन में चेन स्नेचिंग (Chain Snatching) के 17 मामले दर्ज हुए है। अज्ञात चोरों ने 19 लाख रुपए के 457.50 ग्राम सोने के गहने चुराए है। चोरी की घटनाओं की तुलना में खोज का प्रमाण कम है। इसलिए बस स्थानक परिसर में होने वाली भीड़ का लाभ उठाकर तो रिक्शा में यात्रा करने वाली महिलाओं (Women) के गले से सोने के गहने चोरी करने वाली टोली कार्यरत होने की बात अब स्पष्ट हो गई है। पुलिस केवल मामला दर्ज कर जांच करने का दिखावा कर रही है। क्योंकि कुछ पुलिस अधिकारी-कर्मचारी और चोरों के बीच सांठ-गांठ है। यह किसी से छुपा नहीं है। इसके चलते पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो गए है। यात्रा के दौरान महिलाओं के गले से सोने के गहने चोरी होने की घटनाएं आम हो गई है। मई 2022 से अब तक यात्रा के दौरान महिलाओं के गले से सोने के गहने चोरी होने के विभिन्न पुलिस स्टेशन में 17 मामले दर्ज हो चुके है, जिसमें 19 लाख 34 हजार रुपए के 457.50 ग्राम सोने के गहने चोरी हुए है। सर्वाधिक मामले सरकारवाडा पुलिस स्टेशन में दर्ज हुए। सरकारवाडा में 5, पंचवटी में 4, मुंबई नाका-भद्रकाली में प्रत्येकी 2, म्हसरुल, अंबड और उपनगर में प्रत्येकी 1 मामला दर्ज हुआ। सरकारवाडा पुलिस स्टेशन सीमा क्षेत्र में मध्यवर्ती बस स्थानक और ठक्कर बाजार बस स्थानक है। यहां पर महिला यात्रियों की अधिक भीड़ होती है। चोर उनकी रेकी कर घटना को अंजाम दे रहे है। 

    चोरी के लिए महिलाओं का उपयोग

    रिक्षा में यात्रा करने वाली महिलाओं को पहले से ही रिक्शा में सवार या कुछ अंतर पर रिक्शा में सवार होने वाली महिलाएं एक-दूसरे से बातचित कर निशाना बना रही है। सोने के गहने चोरी करने के बाद यह महिलाएं कुछ अंतर के बाद उतर जाती है। इन घटनाओं में प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रिक्शा चालक भी शामिल होते है। बस स्थानक में होने वाली भीड़ का लाभ उठाकर महिलाओं के गहनों की चोरी की जा रही है। 

    घटनाओं को रोकने सीसीटीवी फेल

    ठक्कर बाजार बस स्थानक परिसर में सीसीटीवी लगाए गए है। परंतु गलत लगत पर सीसीटीवी होने से इसका लाभ चोरों को हो रहा है। पुलिस भी इन घटनाओं को तुल नहीं दे रही है। कभी कभी ऐसा लगता है, कि इन घटनाओं में पुलिस और चोरों की टोली एक साथ काम कर रही है। गहने चोरी घटनाओं की जांच बहुत कम हो रही है। कुल मिलाकर पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर संदेह व्यक्त किया जा रहा है। 

    महिलाएं भीड़ की जगह पर कम से कम सोने के गहने परिधान करें। ताकि होने वाली घटना को रोक लग सके। यात्रा के दौरान सोने के गहने थैली में न रखें। वृद्ध महिलाएं भीड़ में शामिल न हो। -(संजय बारकुंड, पुलिस उपायुक्त, अपराध विभाग, नाशिक)।