जल जीवन मिशन में गड़बड़ी, 1410 करोड़ के काम और 571 करोड़ का भुगतान

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नासिक: जिले में जल जीवन मिशन के तहत 31 मार्च तक जिला परिषद द्वारा इस अवधि में और भी योजनाएं पूर्ण कर नागरिकों को नल से जल पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। दूसरी ओर तस्वीर यह है कि ठेकेदारों को काम के अनुपात में भुगतान नहीं मिल रहा है। ग्रामीण जल आपूर्ति विभाग द्वारा अब तक 1410 करोड़ रुपये में से 571 करोड़ रुपये यानी मात्र 41 प्रतिशत भुगतान किया गया है, जबकि ठेकेदारों ने 53 प्रतिशत काम पूरा कर लिया है। 

इसके चलते आंकड़ों से पता चलता है कि ठेकेदारों को काम की तुलना में करीब 12 फीसदी कम भुगतान मिला। जिला परिषद के ग्रामीण जलापूर्ति विभाग की ओर से जल जीवन मिशन के तहत जिले में 1222 योजनाएं स्वीकृत की गई हैं, लेकिन इन योजनाओं का काम 31 मार्च तक पूरा होने की उम्मीद है, लेकिन समय पर काम पूरा नहीं हो पाने के कारण प्रशासन ने इन्हें बढ़ा दिया है। 

अब तक 155 योजनाओं में से 25 फीसदी भी पूरी नहीं हो पाई है। इन योजनाओं में से 765 योजनाओं का काम लगभग 70 फीसदी पूरा हो चुका है और विभाग इन योजनाओं का काम पूरा करने पर फोकस कर रहा है। जल जीवन मिशन के कार्यों के बाद उनके कार्यों की गुणवत्ता का निरीक्षण टाटा कंसल्टेंसी इंजीनियर द्वारा किया जा रहा है। 

यह संस्था प्रत्येक कार्य का 25 प्रतिशत, 60 प्रतिशत, 90 प्रतिशत तथा योजना के हस्तांतरण के स्तर पर निरीक्षण कर ग्रामीण जल आपूर्ति विभाग को रिपोर्ट करती है। इस रिपोर्ट के बाद ही ठेकेदारों को भुगतान किया जाता है। इस थर्ड पार्टी संस्था द्वारा किए गए निरीक्षण के अनुसार अब तक 53 प्रतिशत जलापूर्ति योजनाएं पूरी हो चुकी हैं। इन कार्यों की तुलना में ठेकेदारों को दी जाने वाली भुगतान राशि कम लगती है। ग्रामीण जलापूर्ति विभाग ने दो वित्तीय वर्ष 2022-23 और 2023-24 में ठेकेदारों को 571 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। 

कार्य पूरा करने के बाद, ठेकेदार अपने द्वारा किए गए कार्य का भुगतान प्राप्त करने के बाद शेष कार्य को आगे बढ़ा सकते हैं लेकिन, जिला परिषद प्रशासन द्वारा कार्य के पैमाने पर भुगतान नहीं किया जाता है। इससे काम पूरा होने में तेजी आने की बात ठेकेदारों द्वारा कही जा रही है।