suicide
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    नाशिक. छोटी बच्ची पूछती रही, मम्मी पापा कब आएंगे? मां (Mother) के पास उसका कोई जवाब नहीं था। आर्थिक तंगी और निराशा से चिंतित मां ने एक दिल दहला देने वाला कदम उठाया। उसने शनिवार को नाशिक (Nashik) में अपनी बेटी (Daughter) के साथ फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। कोरोना ने कई लोगों को सताया हैं उसने किसी परिवार को तोड़ दिया तो किसी को मौत के करीब जाने के लिए मजबूर कर दिया। ऐसा ही कुछ नाशिक में हुआ है।

    तीन लोगों का मुस्कुराता हुआ परिवार था, लेकिन कोरोना की एक लहर ने पल भर में उसे बिखेर दिया। पति को कोरोना हो गया था। उसमें पति की बीमारी और परिवार की कठिनाई का परिवार ने सामना किया। मां ने अपनी बेटी के लिए भारी बोझ सहते हुए उस कठिनाई को भी झेला। लेकिन पति की मौत के बाद से मां टूट सी गई और उसे अपना और बेटी का जीवन खींचना मुश्किल हो गया। बेटी बार बार पूछती पापा कब आएंगे? उसने बेटी को हर प्रकार से समझाने का प्रयत्न किया। लेकिन वह समझ नही पाई। मां ने भी इस कठिनाई को सहने की शक्ति छोड़ दी और वह निराश रहने लगी। घर का खर्च चलाना पहले की कठिन था उसपर पती की मौत का गम और बच्ची के सवाल से सुजाता हताश हो गई।

    पापा भगवान के घर से नहीं आ रहे हैं तो हम ही भगवान के घर चले जाते हैं

    मौत को गले लगाने से पहले मां ने एक छोटी सी सुसाईड नोट लिखी जिसमें उसने लिखा कि पापा भगवान के घर से नहीं आ रहे हैं तो हम ही भगवान के घर चले जाते हैं। इस घटना से नाशिक में शोक का माहोल बन गया है। उसने अपने घर में पहले अपनी बेटी को फांसी पर लटकाया और फिर खुद भी फांसी लगा ली। पुलिस मामले की तफतीश कर रही है। देश में कोरोना काल और खासकर लॉकडाउन के दौरान आत्महत्याओं में बढ़ोतरी की चौंकाने वाली खबरें आती रही हैं।

    व्यक्ति आत्महत्या क्यों करना चाहता है 

    डॉ. रचना अवत्रमणी का कहना है कि इन घटनाओं को रोका जा सकता है। आत्महत्या करने का सोचने वालों  को सिर्फ तीन बातें बताएं। जिसमें खास बात यह है कि हम तुम्हारे लिए ही हैं। मुझे पता है कि यह स्थिति तुम्हारे लिए बहुत कठिन है और तीसरी बात यह पता लगाना है कि सामने वाला व्यक्ति आत्महत्या क्यों करना चाहता है और इसे किसी विशेषज्ञ को दिखाएं। जब आप उस व्यक्ति को बताते हैं कि आप इस कठिन परिस्थिति में उनके साथ हैं या उन्हें इस बात से अवगत कराते हैं कि आप उनके दुःख, दर्द, मनोदशा को समझ सकते हैं, तो उस व्यक्ति के मन से आत्महत्या के विचार चले जाते हैं। ऐसा करने से भारत में आत्महत्या के मामलों की संख्या में कमी आएगी।