water supply
प्रतिकात्मक तस्वीर

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    नाशिक: नाशिक शहर (Nashik City) के 187 अस्पतालों (Hospitals) द्वारा महानगरपालिका को अभी भी फायर ऑडिट का ( Fire Audit) प्रमाणपत्र नहीं दिया गया है, इसलिए नाशिक महानगरपालिका (Nashik Municipal Corporation) ने उक्त सभी अस्पतालों का नल कनेक्शन काटने का निर्णय लिया है। नाशिक महानगरपालिका के अग्निशमन विभाग के सूत्रों के अनुसार शहर में कुल 607 अस्पताल हैं। महानगरपालिका द्वारा नोटिस भेजने के बाद 420 अस्पतालों ने फायर ऑडिट कराकर प्रमाणपत्र महानगरपालिका को भेज दिया है।  

    महानगरपालिका के अग्निशमन विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, उक्त अस्पतालों को फायर आडिट कराने संबंधी नोटिस जारी की गई थी। इसके बाद 420 अस्पतालों ने फायर आडिट करा लिया, लेकिन 187 अस्पतालों ने अभी तक फायर आडिट नहीं कराया है। इनके प्रमाण-पत्र अभी तक नहीं मिले हैं, इसलिए महानगरपालिका ने इन अस्पतालों की जलापूर्ति बंद करने का निर्णय लिया है और जल्द ही नल कनेक्शन काट दिया जाएगा। ईस्ट वेस्ट डिवीजन में 164, सातपुर में 27, नाशिक रोड में 66, सिडको में 85, पंचवटी और डिवीजनल रेफरल अस्पतालों में 77 सहित कुल 420 अस्पतालों की फायर ऑडिट रिपोर्ट महानगरपालिका को मिल गई है।

    जांच समिति गठित

    नगर आयुक्त रमेश पवार ने आग की जांच के लिए अतिरिक्त आयुक्त अशोक अतराम की अध्यक्षता में एक समिति गठित की है। कमेटी ने निरीक्षण के बाद कार्रवाई शुरू कर दी है। साथ ही व्यावसायिक भवनों, संस्थानों, होटलों और अस्पतालों को भी नोटिस जारी किया गया है। फायर ब्रिगेड को खतरनाक परिसरों का फायर ऑडिट करने और ‘अनापत्ति’ प्रमाण-पत्र प्राप्त करने की आवश्यकता होती है।

    आग बुझाने के लिए महानगरपालिका वसूलती है पैसा 

    शहर में आग बुझाने के लिए शुल्क लिया जाता है। हालांकि, नागरिकों के घरों में आग लगने पर उन्हें पैसे नहीं देने पड़ते हैं क्योंकि वे राहत कर का भुगतान करते हैं। हालांकि, नगर पालिका व्यावसायिक प्रतिष्ठानों और संस्थानों की आग बुझाने के लिए पैसे वसूलती है। महानगरपालिका क्षेत्र के बाहर 20 किलोमीटर की परिधि के लिए पहले घंटे के लिए 2,000 रुपए, उसके बाद प्रत्येक घंटे के लिए 1,000 रुपए और महानगरपालिका सीमा के बाहर 40 किलोमीटर की दूरी के लिए पहले घंटे के लिए 3,000 रुपए लिए जाते हैं।