Maize Seed Makka

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नासिक: कम खर्च और अधिक उत्पादन और अच्छे दाम की गारंटी होने से किसानों (Farmers) के लिए मक्का फसल वरदान साबित हो रही है। इसके लिए दिन-ब-दिन खरीफ सत्र में मक्का फसल का क्षेत्र बढ़ता ही जा रहा है। कुल मिलाकर नासिक जिले (Nashik District) में खरीफ क्षेत्र में मक्का प्रमुख फसल बन रही है। खरीफ सत्र के 35 से 38 प्रतिशत क्षेत्र में मक्के की बुआई की जा रही है। इस साल 2 लाख 28 हजार हेक्टेयर पर मक्के की बुआई होने की संभावना व्यक्त की जा रही हैं। इसके लिए 175 से 180 करोड़ रुपए किसानों को बीज के लिए खर्च करना होगा। मक्के के बीज के दाम आसमान छूने से किसानों को आर्थिक नुकसान (Economic Loss) उठाना पड़ रहा है। 

बागायतदारों का आधा और सूखे का आधा, ऐसे नासिक जिले में प्याज और अंगूर की खेती की जाती है। अब मक्का उत्पादन में भी नासिक जिले को नई पहचान मिल रही है। पोल्ट्री और स्टार्च उद्योग के लिए मक्के की मांग बढ़ने से सूखे के रूप में पहचाने जाने वाले मालेगांव, येवला, बागलाण, नांदगांव तहसीलों में सर्वाधिक क्षेत्र पर मक्के की खेती की जा रही है। जिले में खरीफ सत्र के 6 लाख 42 हजार हेक्टेयर में मक्के की बुआई 2 लाख 16 हजार 112 हेक्टेयर पर की गई है। पिछले 2-3 सालों से 2 लाख 35 हजार हेक्टेयर क्षेत्र पर मक्के की खेती की जा रही है। इस साल कृषि विभाग ने 2 लाख 28 हजार 342 हेक्टेयर पर बुआई का लक्ष्य रखा है, परंतु इसमें बढ़ोतरी होने की संभावना व्यक्त की जा रही हैं।

बीज खरीदने में हो रहा अधिक खर्च

जिले में 2 लाख 30 हजार हेक्टेयर यानी कि 5.75 से 6 लाख एकड़ पर मक्के की बुआई होगी। एक एकड़ में मक्के बुआई के लिए 8 किलो बीज यानी कि दो बोरी की जरूरत होती है। जिले के लिए 11.5 से 12 लाख बोरियों की जरूरत है। आज की स्थिति में मक्का बीज के चार किलो की बोरी की कीमत 1,200 से 1,900 रुपए है। औसतन 1,500 रुपए एक बोरी के हिसाब से 175 से 180 करोड़ रुपए खर्च केवल मक्के के बीज की खरीदी के लिए किसानों को करना होगा। 

प्रति किलो बीज के लिए 400 रुपए खर्च करने होंगे

मक्के के दाम और बीज के दाम में होने वाले अंतर की तुलना करें तो काफी हास्यास्पद है। 4 किलो बोरी के लिए औसतन 1,500 से 1,600 रुपए लगते हैं। यानी कि प्रति किलो बीज के लिए 400 रुपए खर्च करने होंगे। इसके तहत एक क्विंटल बीज के लिए 40 हजार रुपए खर्च करने होंगे। परंतु मक्के को प्रति क्विंटल 2 हजार रुपए दाम मिलते हैं, जो अपने आप में एक बड़ी बात है। मक्के के बीज उत्पादन में इतना खर्च आता है या नहीं? इस बारे में खोज करने की जरूरत है। एक ओर मक्के की बोरी पर एमआरपी 2 हजार रुपए के आस-पास डाली जाती है, लेकिन बोरी 1,200 से 1,500 रुपए में बेची जाती है। इसलिए सरकार द्वारा बीज की दर निश्चित करने के लिए नीति निश्चित करने की जरूरत है।

केवल मक्का बीज का कारोबार 175 करोड़ तक होने से मैं अचंभित हूं। देखा जाए तो मक्का बीज बनाने वाली कंपनियों ने पहले से ही कीमत में बढ़ोतरी की है। सही मायने में कंपनियों को इतना खर्च आता है क्या? वह 40 हजार रुपए प्रति क्विंटल किसानों से लेते हैं। सरकार और कृषि विभाग द्वारा बीज की दर निश्चित करने के लिए नीति बनाने की जरूरत है।

-अशोक कुलधर, कृषि अभ्यासक, सायगांव