महानगरपालिका अस्पताल बना कूड़ा डिपो

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    नाशिक : शहर के मुलतानपुरा (Multanpura) स्थित महानगरपालिका (Municipal Corporation) के सय्यदना माँ जी साहेबा अस्पताल (Syedna Maa Ji Saheba Hospital) की समस्या कम नहीं हो रही है। आज की स्थिति में यह अस्पताल कूड़ा डिपो (Garbage Depot) के साथ भंगार बाजार (Bhangar Bazar) बन गया है। अस्पताल है या फिर कूड़ा डिपो-भंगार बाजार? ऐसा सवाल नागरिक खड़ा कर रहे है। प्रभाग के नगरसेवकों के बीच शुरू विवाद के चलते मुलतानपुरा स्थित अस्पताल पिछले कुछ सालों से शुरू होने की प्रतीक्षा में है। अस्पताल शुरू न होने से परिसर के नागरिकों को विभिन्न समस्याओं (Various Problems) का सामना करना पड़ रहा है। 

    उद्घाटन के बाद भी शुरू नहीं हो पाया अस्पताल

    अस्पताल महानगरपालिका का है, लेकिन उसका नवीनीकरण करने के बाद श्रेय लेने को लेकर नगरसेवकों में विवाद शुरू है। इसलिए अस्पताल ही शुरू नहीं हो पाया है। 3 से 4 सालों से इमारत तैयार होने के बाद भी अस्पताल शुरू नहीं हो पाया। पिछले साल 15 अगस्त को पालकमंत्री छगन भुजबल के हाथों अस्पताल का उद्घाटन करने के बाद परिसर के नागरिकों को लगा कि अब अस्पताल शुरू होगा। परंतु ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। दो महीने के बाद उद्घाटन को एक वर्ष पूरा होगा। अस्पताल शुरू होने की बात दूर है, लेकिन यह अस्पताल कूड़ा डिपो बन गया है। 

    परिसर के नागरिक यहां पर बड़े तौर पर कूड़ा और अन्य वस्तू डाल रहे है। इसके चलते अस्पताल कूड़ा डिपो के साथ भंगार बाजार बन गया है। नागरिकों का स्वास्थ्य सही रखने का अस्पताल आज खुद बीमार हो गया है। डब्ल्यूएचओ अधिकारियों की चेतावनी और परिसर के मरीजों को उपचार की ओर महानगरपालिका वैद्यकीय विभाग ध्यान नहीं दे रहा है। इतना ही नहीं उपयोग के अभाव में अस्पताल की खिड़कियों के साथ वायरिंग सहित अन्य साहित्य का नुकसान हो रहा है। महानगरपालिका ने नागरिकों की समस्या को हल करने के लिए जल्द से जल्द अस्पताल शुरू करने की मांग परिसर के नागरिक कर रहे है।