
नाशिक : राज्य के प्रमुख शहरों के साथ अब नाशिक जिले (Nashik District) में गोवंशीय पशुधन के लिए जानलेवा (Deadly) साबित होने वाले चर्म रोग और ‘लम्पी वायरस’ (Lumpy Virus) इस बीमारी का प्रकोप बढ़ गया है। सिन्नर तहसील के तीन पशुओं को इस बीमारी की लागण होने से पशुसंवर्धन विभाग अब ‘अलर्ट मोड’ पर आ गया है। सिन्नर तहसील के मौजे पांगरी (बुद्रुक) और दुसंगवाडी इन दो गांवों में तीन पशुओं को ‘लम्पी स्कीन’ की लागण हुई है। इस संक्रमण का प्रादुर्भाव रोकने के लिए संसर्ग केंद्र से 10 किलोमीटर के परिसर को बाधित क्षेत्र के रूप में घोषित किया गया है। संक्रमित केंद्र के 5 किलोमीटर के क्षेत्र में 9 गांव शामिल है, जिसमें साढ़े छे हजार पशु है। उन्हें टीका लगाया गया है। आवश्यक उपाय योजना के साथ टीकाकरण और स्वच्छता अभियान पर जिला परिषद का पशुसंवर्धन विभाग जोर दे रहा है।
‘पंधरावे वित्त आयोग’ से खर्च करें
जिले में कृषि यह मुख्य व्यवसाय होने से लगभग सभी किसानों के पास पशुधन है। ग्रामीण आर्थिक व्यवस्था में पशुधन का अहम हिस्सा है, लेकिन यह पशु ‘लम्पी वायरस’ बीमारी के शिकार हो रहे है। इस बीमारी से पशुधन को बचाने के लिए ग्रामपंचायतों ने युद्धस्तर पर स्वच्छता अभियान कार्यान्वित करें। इसके लिए पंधरावे वित्त आयोग से खर्च करें। जिले होने वाले 244 पशुवैद्यकीय अस्पताल द्वारा पशुओं की अनदेखी न करते हुए उपचार करें। ऐसी सूचना पशुसंवर्धन विभाग की ओर से दी गई। मच्छर, गोचीड और पशुधन के माध्यम से इस बीमारी का प्रादुर्भाव होने से उपाय योजना करें।
अहमदनगर से लाए पशुधन को हुई बीमारी
राज्य के जलगांव, अहमदनगर, अकोला, पुणे, धुलिया, लातूर, औरंगाबाद, बीड, सातारा, बुलडाणा, अमरावती, उस्मानाबाद, सांगली, सोलापूर, कोल्हापूर आदि जिले में ‘लम्पी वायरस’ का प्रादुर्भाव दिन ब दिन बढ़ रहा है, जिसमें नाशिक भी शामिल है। सिन्नर के तीन घटनाओं में अहमदनगर जिले से लाए गए पशुओं को यह बीमारी हुई है। इस बीमारी का प्रादुर्भाव अन्य पशुधन को न हो इसलिए सावधानी बरती जा रही है। हर एक तहसील में शीघ्र कृती पथक गठित किया गया है, जो स्थिति पर अपनी निगाहें रख रहा है। सिन्नर तहसील के बाधित गांवों के बारे में सावधानी बरतते हुए आवश्यक उपाय योजना करने के आदेश जिला अधिकारी गंगाथरन डी. ने दिए है।