Radhakrishna Vikhe-Patil and aditya

Loading

शिर्डी: राजस्व मंत्री राधाकृष्ण विखे-पाटिल (Radhakrishna Vikhe-Patil) ने कहा कि आदित्य ठाकरे (Aditya Thackeray) को दिग्गजों का आदर करना चाहिए, लेकिन अभी तक वह अपने आप को बच्चा ही समझ रहे हैं। सत्ता जाने के बाद उनके बर्ताव में बदलाव होने की संभावना व्यक्त की जा रही थी। मंत्री राधाकृष्ण विखे-पाटिल ने कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Chief Minister Eknath Shinde) रोने वाले नेता नहीं, बल्कि लड़ने वाले नेता हैं। सत्ता जाने से वह इतने निराश हो गए हैं कि वह खुद रो रहे हैं। कुल मिलाकर रस्सी जल गई, मगर बल नहीं गया। ऐसी स्थिति आदित्य ठाकरे की हो गई है। 

वे सावलीविहीर परिसर में डॉ. आंबेडकर जयंती के अवसर पर आयोजित स्मारक लोकार्पण और विभिन्न विकास कार्यों के भूमिपूजन और उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस समय पूर्व मंत्री अन्नासाहब म्हस्के-पाटिल, जिप की पूर्व अध्यक्ष शालिनी विखे-पाटिल, प्रांताधिकारी गोविंद शिंदे, तहसीलदार कुंदन हिरे, गटविकास अधिकारी जालिंदर पठारे, सरपंच ओमेश जपे, हीराबाई कातोरे आदि उपस्थित थे।

ठाकरे गुट में जल्द होगा संगठनात्मक फेरबदल

वहीं, राज्य में हुए सत्ता परिवर्तन के बाद शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के पूर्व विधायक, वर्तमान सांसद, पूर्व सांसद के साथ पदाधिकारी और कार्यकर्ता मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के गुट में शामिल हो रहे हैं। इसके चलते ठाकरे गुट में दरार पड़ गई है। एकनाथ शिंदे को पार्टी का नाम और चिह्न मिलने के बाद प्रवेश लेने वालों की संख्या में इजाफा हो गया है, परंतु अब शिवसेना (ठाकरे गुट) द्वारा संगठनात्मक बदलाव करने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए नासिक जिले में विधानसभा स्तरीय बैठकों का सत्र शुरू है, जिसमें संपर्क प्रमुख पद से गुट प्रमुख तक जिम्मेदारी सुनिश्चित की जाएगी। महत्वपूर्ण पद लेने के लिए कार्यकर्ताओं में खींचतान देखने को मिल रही है, जिसमें संपर्क प्रमुख, जिला प्रमुख, महानगर प्रमुख शामिल हैं। आगामी 15 दिनों में नए पदाधिकारियों की घोषणा की जाएगी। इस प्रक्रिया के तहत निष्क्रिय पदाधिकारियों को हटाया जाएगा। महत्वपूर्ण पद पर होने वाले पदाधिकारियों का भी पद बदला जाएगा।