13 वर्ष पहले भाजपा ने भी प्रदर्शन किया था
नासिक/चांदवड: केंद्र सरकार के प्याज निर्यात (Onion Export) पर प्रतिबंध (Ban) के खिलाफ शरद पवार (Sharad Pawar) के नेतृत्व में नासिक जिले के चांदवड में रास्ता रोको विरोध प्रदर्शन (Rasta Roko Protest) किया गया। इस मौके पर शरद पवार ने केंद्र सरकार पर दबाव बनाते हुए 13 साल पहले की पुरानी यादें ताजा कर दी। रास्ता रोको आंदोलन के दौरान बोलते हुए शरद पवार ने कहा कि नासिक जिले के किसान जो देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रहे हैं। सरकार ने प्याज निर्यात पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है, उन्हें वह फैसला वापस (Roll Back) लेना होगा। जब तक सरकार फैसला वापस नहीं ले लेती, हम चैन से नहीं बैठेंगे।
बीजेपी को नहीं है किसानों की परवाह
शरद पवार ने आगे कहा कि अगर केंद्र सरकार और राज्य सरकार को किसानों की परवाह नहीं है। किसानों को बर्बाद होने में ज्यादा समय नहीं लगेगा। 2009-2010 में प्याज के दाम बढ़ने पर लोकसभा में भाजपा वालों ने हंगामा किया था। भाजपा के लोग गले में प्याज की माला डालकर हॉल में आए थे। उन्होंने प्याज की कीमत कम करने की मांग की थी। शरद पवार ने कहा लोकसभा अध्यक्ष ने मुझसे सरकार की नीति के बारे में पूछा। मैंने कहा, प्याज उगाने वाला किसान छोटा किसान होता है। अगर कीमत थोड़ी भी बढ़ती हैं तो हंगामा करने की जरूरत नहीं है। आपके सभी व्यंजनों में एक प्याज की कीमत कितनी है? इस सवाल पर भाजपा के पास कोई जवाब नहीं था। मैंने तय किया था कि प्याज की कीमत कम नहीं होगी और निर्यात पर प्रतिबंध नहीं लगेगा। अगर कोई कहता है कि प्याज महंगा हो गया तो उसे नहीं खाना चाहिए।
किसानों को बर्बाद कर रहा है सरकार का फैसला
शरद पवार ने कहा केंद्र सरकार द्वारा प्याज निर्यात पर प्रतिबंध लगाने का मौजूदा फैसला खेतों को बर्बाद कर रहा है। यह प्रतिबंध हटाया जाना चाहिए। हम सड़क पर नहीं बैठना चाहते। लोग परेशान नहीं होना चाहते। लेकिन ऐसा किए बिना दिल्ली नींद से नहीं जागती। चांदवड के आंदोलन की जानकारी मिलने के बाद सरकार हमसे कह रही है कि ये करो, वो करो। इसके पहले किसी ने कुछ नहीं कहा। यह कहते हुए शरद पवार ने फैसला वापस लेने की अपील की।